भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही कोई ना कोई ऐसा प्रयोग करती ही रहती है जिसको लेकर विपक्ष हमेशा सकते में आ जाता है! अब ऐसे में असम और पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रयोग ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। अब पार्टी से पहले न केवल विधायकों को बल्कि उनके नेताओं को भी चुनाव से पहले एक रखना होगा। क्योंकि, भाजपा उन्हें तत्काल लाभ दे सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, असम और पश्चिम बंगाल में भाजपा की चाल विपक्ष की चुनौतियों को बढ़ाएगी। जबकि उन राज्यों में जहां बीजेपी कमजोर है, उसे अपनी ताकत बढ़ाने में मदद मिलेगी। विपक्षी दलों के नेता भाजपा में शामिल होने के लिए उत्साहित हो सकते हैं।
पार्टी के नेताओं का मानना है कि विपक्षी दलों को अपने घर को व्यवस्थित रखने के लिए अधिक ध्यान देना होगा। क्योंकि, इस मॉडल के माध्यम से, भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आपके पास योग्यता है, तो वह अन्य दलों से आने वालों को महत्वपूर्ण पद देने के लिए भी तैयार है। यह एक बड़ा संकेत है। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज़ के निदेशक डॉ। संजय कुमार कहते हैं कि पार्टी के अन्य नेताओं को देखकर अच्छा लगेगा कि भाजपा में बाहर के नेता मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता बन सकते हैं। लेकिन यह भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल को भी प्रभावित करेगा।
डॉ। संजय कहते हैं कि इसके माध्यम से भाजपा ने अन्य दलों के मजबूत नेताओं को संकेत दिया है। भाजपा ने कहा है कि वह योग्य व्यक्तियों को पद देती है। वह यह नहीं देखती कि वह व्यक्ति किस पार्टी से आया है। कांग्रेस में ऐसे कई मामले हैं। कई राज्यों में पार्टी नेताओं के बीच संघर्ष चल रहा है। कई वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी का हाथ छोड़ दिया है। पंजाब का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव बहुत पुराना है।
सभी प्रयासों के बावजूद, पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कैप्टन और सिद्धू के बीच विवाद को हल करने में विफल रहा है। पंजाब की तरह, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में पार्टी के नेताओं में मतभेद हैं। ऐसे में कांग्रेस सहित अन्य दलों को अपना घर बचाना होगा।