बॉलीवुड अदाकार रणदीप हुड्डा ने अपने ब्यान से नए विवाद को जन्म दे दिया हैं. रणदीप हुड्डा के अनुसार जाट हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम होते हैं, उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर एक कमेंट करते हुए इसके बारे में विस्तार में लिखा है. उनके इस कमेंट पर देश के लोग और यहाँ तक की उनके अपने फैंस भी अच्छे खासे नाराज़ हो गए हैं.
रणदीप हुड्डा अपने कमेंट में लिखते है की, “जिस जिस को यह जातिवाद लग रहा है और फालतू का ज्ञान पेल रहा है उनके लिए सन्देश: जाट एक हिन्दू जाट नहीं बल्कि एक नसल हैं. जाट हर धर्म में होते है और सबसे ज्यादा शायद मुसलमान. पर जाट ये धरम और जात से ऊपर उठकर बड़े बड़े काम करने में विश्वास रखते हैं. जय जाट.”
रणदीप हुड्डा का यह कमेंट जमीनी स्तर पर कही से भी जायज़ नहीं लगता. इसका एक मुख्य कारण हैं की जाट से बड़े जातिवादी भारत में कौन हैं? हरियाणा में जाट आरक्षण के नाम पर हुए दंगे कौन भुला होगा? राकेश टिकैत के दो आंसू गिरे तो इसे जाटों की मर्यादा से जोड़कर वापिस किसान आंदोलन को खड़ा किया गया.
हरियाणा में जाट इतना ज्यादा नाज़ुक मुद्दा है की अगर जाट के छोरा या छोरी अलग धरम या जाती में शादी करवाने की बात करे तो उसका क़त्ल तक कर दिया जाता है. यही हाल पंजाब में जट्ट सिख का भी है, जट्ट सिख कभी भी अपने बच्चे की शादी महज़बी सिख के बच्चे से नहीं करते.
पंजाब में तो अगर गाने में ‘जट्ट और जट्टी’ जैसे शब्द न हों तो गाना हिट ही नहीं होता. ऐसे में रणदीप हुड्डा का यह ब्यान की जाट धरम और जाती से बढ़कर काम करते है, यह कहाँ तक सही लगता हैं? इसके साथ रणदीप हुड्डा ने यह भी कहा है जाटों की संख्या हिन्दुवों से ज्यादा मुसलमानों में हैं, अब यह आंकड़ा उन्होंने कहा से और कैसे प्राप्त किया इसका जवाब भी वह देने में असमर्थ हैं.
https://twitter.com/atulahuja_/status/1382288431800152065
यह पूरा विवाद तब खड़ा हुआ जब उन्होंने अपने एक भाषण में जाटों का गुणगान कर रहें हैं और दूसरी तरफ वह कमेंट कर रहें है की जाट धरम और जाती से ऊपर उठ चुके हैं. उन्होंने कहा की जाट धरम और जाती से ऊपर उठकर काम करते हैं. इसी भाषण के बाद उनका कमेंट वायरल किया जा रहा है जो जाहिर है उनका भाषण और कमेंट एक दूसरे के साथ मैच नहीं कर रहा.