योगी सरकार का राज्य में गुंडों की सफाई अभियान के सबसे बड़े कामों में से एक काम अपने समय पर सबसे बड़े डॉन रहे मुख्तार अंसारी भी वापिस उत्तर प्रदेश लाना भी था. मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हो गया था, पंजाब की पुलिस ने उसे एक क़त्ल के जुर्म में गिरफ्तार किया था.
जिस लड़के के क़त्ल के जुर्म में उसे गिरफ्तार किया गया था, उस लड़के के परिवार को भी इस क़त्ल और उससे जुड़े पुलिस के तथ्यों पर विश्वास नहीं था. इसके इलावा पंजाब पुलिस बार-बार मुख्तार अंसारी की तबियत का बहाना बनाकर उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को न सौंपने की कोशिश में थी.
पंजाब की कांग्रेस सरकार पर भी मुख्तार अंसारी को राजनैतिक शरण देने के आरोप लगे, जिसके पीछे की वजह मुख्तार अंसारी की रिश्तेदारी भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जो की एक कांग्रेसी थे. खैर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और आखिरकार मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले सौंपने का फैसला आया.
इस दौरान भी तबियत वाली नौटंकी की गयी और मुख्तार अंसारी को व्हील चेयर के सहारे एम्बुलेंस में पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की बाँदा जेल के बैरक नंबर 16 में शिफ्ट किया गया. इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया है की मुख्तार अंसारी फिट है और वह आराम से अपने पैरों पर चल फिर सकता हैं.
यानी पंजाब पुलिस की व्हील चेयर और तबियत का पूरा मुद्दा केवल और केवल मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले न करने का महज़ एक बहाना था. खैर अब बाँदा जेल के पुलिस अधिकारिओं ने बताया है की मुख्तार अंसारी रात को सो नहीं पाता हैं.
उसे रात के अँधेरे में बुरे सपने आते हैं और वह पूरी रात करवटें बदलता रहता हैं. इसी के साथ बाँदा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारीयों ने बताया की मुख्तार अंसारी रात को बाहर खुले मैदान में टहलने के लिए भी गुहार लगाता हैं. वो कहता है की बैरक में उसे बुरे सपने आ रहें हैं और उसका दम घुटता हैं. ऐसे में सोचने वाली बात यह है की क्या रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी के लिए खास व्यवस्था की गयी थी, जो उसे बाँदा जेल में नहीं मिल रही और वह परेशान हो रहा हैं?