शहरी नक्सली दो प्रकार के होते हैं पहले जो कांग्रेस के राज़ में होते है वह बुरे होते हैं. दूसरे जो बीजेपी के राज में वह अच्छे होते हैं, यही कारण हैं की कांग्रेस सत्ता से हटते ही शहरी नक्सलियों की वकालत करनी शुरू कर देती हैं. उनके खिलाफ की गयी कार्यवाही दुर्भाग्यपूर्ण राजनितिक कार्यवाही करार दी जाती हैं.
देश और संविधान के खिलाफ खूनी जंग छेड़ने वाले गुनाहगार इनकी नजर में भोलेभाले हैं,ये उनके लिए शहीद का दर्जा चाहते हैं !!
JNU में पले ऐसे अनपढ गद्दारों से बेहतर तो गांवों की पाठशालाओं के नौजवान हैं,उनके हृदय में सेना और राष्ट्र के लिए जज्बा और प्यार तो है !!
शहीदों को शत शत नमन 🙏 pic.twitter.com/UQxvNpSZcK
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (मोदी का परिवार) (@shalabhmani) April 4, 2021
आज छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के बाद से देश भर में शोक की लहर है. देशभर में लोग नक्सलियों से बदले की मांग कर रहें हैं. लेकिन आपको बता दें एक पत्रकार और एक नेता ऐसा भी है जो नक्सलियों को ही शहीद का तमगा देने की बात कर चूका हैं. आज की यह घटना और नक्सलियों के यह हौंसले ऐसे ही पत्रकारों और नेताओं की वजह से बुलंद होते हैं. यह पत्रकार और नेता कोई और नहीं बल्कि रविश कुमार और कन्हैया कुमार हैं.
इस वीडियो को योगी जी के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी द्वारा शेयर किया गया हैं जिसमे वह लिखते हैं की, “देश और संविधान के खिलाफ खूनी जंग छेड़ने वाले गुनाहगार इनकी नजर में भोलेभाले हैं,ये उनके लिए शहीद का दर्जा चाहते हैं. JNU में पले ऐसे अनपढ गद्दारों से बेहतर तो गांवों की पाठशालाओं के नौजवान हैं, उनके हृदय में सेना और राष्ट्र के लिए जज्बा और प्यार तो है. शहीदों को शत शत नमन.”
कन्हैया कुमार कुछ साल पहले टुकड़े-टुकड़े जैसे नारे लगाकर पैदा हुआ ऐसा ही एक शहरी नक्सली हैं, जिसके खुद के पास आईफोन हैं, हेलीकाप्टर से आता जाता हैं, ब्रांडेड कपडे पहनता है लेकिन जब पत्रकार सवाल करते हैं की आपके घर में गैस क्यों नहीं है तो कहता है सिलेंडर महंगा हैं. लेकिन फिर वामपंथी पत्रकार यह सवाल नहीं पूछते की भाई सब्सिडी वाले सिलेंडर का रेट तो 500 के आस पास ही रहता हैं.
वह यह भी नहीं पूछते की जब आप प्राइवेट हेलीकाप्टर में सफर कर सकते हो, 50000 का आईफोन ले सकते हो, ब्रांडेड कपडे ले सकते हो तो माँ के लिए 500 का सब्सिडी वाला सिलेंडर क्यों नहीं ले सकते. वो यह भी नहीं कहता की अपनी माँ का नाम उज्ज्वला योजना में दर्ज़ करवा कर फ्री सिलेंडर क्यों नहीं दिलवा देते.
वामपंथ इसी प्रकार से कार्य करता हैं, उसका निशाना किसी देश में अपनी सरकार बनने तक लोगों को सरकार के विरुद्ध खड़े रखना होता हैं. फिर चाहे वो सरकार लोगों की भलाई के लिए कितने भी अच्छे काम कर डाले, इन्हें बस खामियां निकालने और उन खामियों के बलबूते सरकार के नाम पर देश के खिलाफ लोगों को भड़काने में महारथ हासिल होती हैं. यह सरकारी तंत्र में बड़े पदों पर विराजमान रहते हैं लेकिन खुलकर सामने नहीं आते. ऐसे ही लोगों की वजह से देश के किसी न किसी हिस्से में ऐसी घटनाएं होती हैं.