नंदीग्राम के एक पोलिंग बूथ पर ममता बनर्जी ने वोटिंग के दौरान गड़बड़ी होने के संकेत दिए थे. इस पर जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने छह पन्नो का खत लिखते हुए उनके सभी दावों को तथ्यों से परे करार दिया हैं. इसके साथ ही नंदीग्राम में उनके पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन किये जाने को लेकर जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं के तहत कार्यवाही करने के भी संकेत दिए हैं.
नंदीग्राम के चुनाव इसलिए भी अहम हैं क्योंकि यहाँ ममता बनर्जी के सामने उनके आपने ही पूर्व साथी और तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो के नेता शुवेंदु अधिकारी के बीच कड़ी टक्कर का हैं. शुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया था.
खैर आठ चरणों में होने वाले चुनाव में 2 चरणों के चुनाव पुरे हो चुके हैं और फिलहाल सभी ओपिनियन पोल भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में नज़र आ रहें हैं. वहीं खबर है की ममता बनर्जी नंदीग्राम के इलावा अब दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ना चाहती हैं. लेकिन चुनावी पंडित कहे जाने वाले PK का कहना है की ऐसा हुआ तो राज्य की जनता समझ जाएगी ममता बनर्जी नंदीग्राम से हार चुकी हैं.
अब क्योंकि भारत में आज भी लोग हवा का रुख देखकर वोटिंग करते है ऐसे में बाकी बचे हुए 6 चरणों के चुनावों में लोगों का मत स्पष्ट हो जाएगा. जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस की सीटें 60 से भी निचे रह सकती हैं. शायद यही कारण हैं की ममता बनर्जी अब चुनाव आयोग के आठ चरणों में चुनाव कराने के फैसले पर सवाल खड़े कर रही हैं.
पश्चमी बंगाल के हालात किसी से छुपे नहीं हैं, लोग घरों में बम बनाते हुए पाए जाते हैं, कुछ ने तो आपने घर ही उड़ा लिए बम बनाये हुए. बीजेपी की रैलियों में पेट्रोल बम फेंके गए ऐसे में सुरक्षा के हिसाब से ही चुनाव आयोग ने 8 चरणों में चुनाव करवाने का फैसला किया था. अगर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकाल में पश्चमी बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीती के चलते राज्य की सुरक्षा को खतरे में न डाला होता तो पश्चमी बंगाल के चुनाव भी एक चरण में ख़त्म हो सकते थे.