सन 2020 को लेकर दावा किया गया था की 2020 में दुनिया तबाह हो जाएगी. इसको लेकर कई फ़िल्में बनी और उन फिल्मों ने लाखों डॉलर कमाई भी कर डाली लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. लेकिन यह दावा वैज्ञानिकों ने नहीं बल्कि माया सभ्यता को मानने वाले लोगों ने किया था. अब क्योंकि माया सभ्यता का कैलेंडर 2020 के बाद लिखा नहीं गया तो लोगों ने समझा था शायद दुनिया ख़त्म होने का संकेत हैं.
खैर 2020 में महामारी फैली पूरी दुनिया इससे प्रभावित हुई लेकिन दुनिया ख़त्म होने का दावा पूरी तरह से फेल हो गया. अब न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिशेल रेम्पिनो जो की अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ऐन उन्होंने अपनी स्टडी में दावा किया है की आज से 26 करोड़ साल पहले आयी महाप्रलय एक फिर आपने अस्तित्व में आ सकती हैं.
उन्होंने कहा की आज से 26 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर बाढ़, भूकंप और ज्वालामुखियों की बाढ़ सी आ गयी थी. ज्वालामुखियों का लावा पूरी दुनिया में कई लाख किलोमीटर तक फैल गया था. उन्होंने कहा आज के हालातों की बात करें तो हमने पर्यावरण के साथ इंसानों ने इतना खिलवाड़ कर दिया है की जल्द ही वहीं हालात पैदा हो सकते हैं.
अपनी एक थ्योरी में प्रोफेसर मिशेल रेम्पिनो ने दावा करते हुए कहा है की पृथ्वी पर 6 बार प्रलय आ चुकी है और सातवीं बार प्रलय आने से कोई नहीं रोक सकता. इस शोध में पता चला है की पहला प्रलय यानी ऑर्डोविशियन (44.3 करोड़ साल पहले), लेट डेवोनियन (37 करोड़ वर्ष पहले), पर्मियन (25.2 करोड़ वर्ष पहले), ट्रायसिक (20.1 करोड़ वर्ष पहले) और क्रेटेशियस (6.6 करोड़ वर्ष पहले) आया था.
इस तरह से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है की 26 से 27.2 करोड़ के समय अंतराल के बीच में एक बार महाप्रलय आती हैं. अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है की यह समय लगभग पूरा हो चूका हैं. ग्लेशियर उम्मीद से ज्यादा पिघल रहें हैं, भूकंप के झटके, मौसम में बदलाव साफ़ संकेत दे रहें हैं की वो समय आ चूका हैं. ऐसे में निश्चित तो नहीं लेकिन आने वाले 100 से 150 साल भीतर पृथ्वी को एक बार फिर से महाप्रलय का सामना करना पड़ सकता हैं. आपको बता दें की महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने भी कहा था की आने वाले 100 साल इंसानी सभ्यता के लिए बेहद मुश्किल भरे होंगे.