कहते है अगर कोई चीज सफल हो जाती है तो लोग उस चीज की गलतियों को भूला देते हैं या फिर उन्हें नज़र अंदाज़ भी कर देते हैं. फिल्म ‘शोले’ भी सफल फिल्मों में से एक मानी जाती हैं और इस सफलता भी ऐसी है की अगर दो लड़के आपस में बेहद अच्छे दोस्त हों तो उन्हें लोग आज भी लोग उनकी तुलना जय-वीरू से करते हैं, उनकी जोड़ी को जय-वीरू की जोड़ी कहा जाता हैं.
ऐसी सफल फिल्म में भी कुछ गलतियां जरूर हुई हैं जिन्हें आपने भी फिल्म देखने के दौरान नज़र-अंदाज़ किया होगा या फिर हो सकता है की फिल्म देखने के दौरान आपका उन गलतियों पर ध्यान ही न गया हो. तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहें हैं फिल्म की ऑन-स्क्रीन ऐसी गलतियों की जो आज के समय पर कोई डायरेक्टर कर दे तो सोशल मीडिया पर उस फिल्म का खूब मज़ाक उड़े.
पूरी फिल्म में हमें दिखाया गया हैं रामपुर में अभी बिजली नहीं पहुंची. सब लोग लालटेन और हाथ से पंखी चलाकर अपना गुज़ारा करते हैं. इसके बावजूद वीरू पानी की टंकी पर चढ़ जाता हैं, सवाल यह है की जब रामपुर में बिजली है ही नहीं तो वहां पानी की टंकी का क्या काम रहा होगा?
फिल्म के एक सीन में बसंती पैदल ही मंदिर में जाती है और इस दौरान वीरू बसंती से पूछता भी है की आज तुम्हारी धन्नो कहाँ हैं. इसके बावजूद जब वो मंदिर के बहार आती है तो उसका तांगा मंदिर के बाहर ही खड़ा होता हैं, ऐसे में सवाल यह है की जब वो पैदल मंदिर पहुंची तो तांगा मंदिर के बाहर आया कैसे?
फिल्म के अंत में जय अधमरी हालत में खाली हाथ पुल के पास लेटा होता हैं. लेकिन जब वीरू के हाथों में जय अपना दम तोड़ता है तो उसके हाथ में वह सिक्का दिखाई देता हैं. अब सोचने वाली बात यह है की कोई अधमरी हालत में मरता हुआ इंसान अपनी जेब से सिक्का क्यों निकालेगा और अगर हाथ में पहले से वो सिक्का था तो फिर खाली हाथ क्यों दिखाए गए.
जैसा की सबने देखा था की गब्बर ठाकुर के दोनों हाथों को काट देता हैं. इसके बावजूद फिल्म के अंत में जब ठाकुर अपना बदला लेने के लिए गब्बर के साथ लड़ाई कर रहा होता है तो कई बार उसके कुर्ते के निचे हाथों को साफ़ देखा जा सकता हैं. जिससे साफ़ पता चलता है की फिल्म के एडिटर और डायरेक्टर्स ने उस सीन की डिटेलिंग पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी नहीं समझा होगा.