कल भारतीय किसान यूनियमन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट कर जानकारी दी थी की मेरे काफिले पर राजस्थान के अलवर शहर में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया हैं. इस हमले का जिक्र मीडिया में भी खूब हुआ और कांग्रेस के छोटे से लेकर बड़े नेता लोकतंत्र की दुहाई देते हुए नज़र आए.
यह पूरा मामला 2 अप्रैल यानी कल का बताया गया था और इसके सहारे एक बार फिर से राकेश टिकैत को मीडिया की सुर्ख़ियों में जगह मिलती हुई नज़र आई. उनके सहायकों का कहना था की हम अलवर में एक सभा को संबोधित करने जा रहे थे और रास्ते में कुछ लोगों ने गाडी पर पथराव किया था.
तस्वीरों में बस गाडी का शीशा टूटा हुआ दिखाई दे रहा था, पथराव और अन्य कुछ घटना के कोई सबूत न तो राकेश टिकैत के पास थे और न ही उनके किसी समर्थक के पास. खैर बिना किसी चोट के फिर भी इसे जानलेवा हमला तक बता दिया गया. इस ट्वीट के बाद जाट लोगों ने इसे अपनी जाती पर हमला समझा और दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर के नेशनल हाईवे 9 को जाम कर दिया.
पुलिस के समझाए जाने के बाद राकेश टिकैत के जाट समर्थकों को वहां से हटाया गया. अब उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया हैं, इसे क्या समझा जाना चाहिए? कुछ लोगों का कहना है की हमला करने वाले कांग्रेस के ही समर्थक थे, जब बाद में इस बात का पता राकेश टिकैत को चला तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया.
राकेश टिकैत अभी खुले तौर पर कांग्रेस को समर्थन नहीं दे रहे और कांग्रेस के राज़ में होने वाली उनकी रैली कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं. ऐसे में जांच होती तो मामला आगे पता चलता लेकिन राजस्थान की सरकार ने जांच के आदेश दिए ही नहीं, कांग्रेस नेताओं और राकेश टिकैत ने जांच के बिना ही आरोप बीजेपी पर लगा डाले. ऐसे में यह पूरा मामला मीडिया की सुर्ख़ियों का हिस्सा बनने के लिए भी हो सकता हैं, क्योंकि इस घटना के बाद ही ज्यादातर लोगों को पता चला था की राकेश टिकैत अलवर में जा रहे हैं.