UGC Idea of Bharat Syllabus: यूजीसी योनि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक ऐसी सांविधिक इकाई है जो कि विश्वविद्यालयों के अंदर उच्च शिक्षा से संबंधित सभी प्रकार के कार्यकलापों की एक जिम्मेदार सस्ता है! हाल ही में यूजीसी ने B.A इतिहास के पाठ्यक्रम का एक ड्राफ्ट प्रकाशित किया जो कि भारतीय इतिहास के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालता है! ऐसे में अब इसी प्रयास के चलते कई बुद्धिजीवी और नेता व्यथित हैं जिन्हें से ओवैसी प्रमुख रूप से सम्मिलित है!
B.A के इतिहास का पहला पेपर आया वह भारत के ऊपर आधारित है! यह भारतवर्ष की अवधारणा, भारतीय ज्ञान परंपरा, कला एवं साहित्य, धर्म, विज्ञान, जैन एवं बौद्ध साहित्य, भारतीय आर्थिक परंपरा एवं ऐसे ही अन्य टॉपिक्स को कवर करता है! इनमें से वेद, उपनिषद, महान ग्रंथ, जैन एवं बौद्ध साहित्य, वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा, भारतीय अंक पद्धति एवं गणित, समुद्री व्यापार इत्यादि शामिल है!
ऐसे में यूजीसी के द्वारा प्रकाशित ड्राफ्ट केंद्र बताया गया है कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र प्राचीन भारत के नागरिकों के प्रारंभिक जीवन और संस्कृति से परिचित होंगे एवं उस समाज की व्यवस्था, धर्म पद्धति एवं राजनीतिक इतिहास को जान सकेंगे! ऐसे में इस पाठ्यक्रम का एक उद्देश्य यह भी है कि छात्र सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी अध्ययन कर सकें!
वही इस ग्रेजुएशन कोर्स का तीसरा पेपर प्राचीन भारत के इतिहास लेखन एवं ऐतिहासिक स्त्रोतों की व्याख्या से संबंधित है जिसके अंदर वैदिक काल जैन और बौद्ध धर्म के उदय से संबंधित कई मामले हैं! इस खंड की सबसे अहम बात यह है कि इसके अंदर सिंधु सरस्वती सभ्यता के अस्तित्व में संबंधित सभी पहलुओं की व्याख्या की गई है! साथ ही हिंदुओं में भेद उत्पन्न करने के लिए प्रचलित की गई आर्य आक्रमण THEAORY को भी नकारा गया है!
अभी तक स्नातक कार्यक्रमों की इतिहास की पुस्तकों के अंदर बाबर और तैमूर लंग जैसे आक्रमणकारियों के लिए आक्रांता अथवा आक्रमणकारी शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाता था लेकिन यूजीसी के इस ड्राफ्ट में यह स्वीकार किया गया है!
हालांकि भारतीय इतिहास के अंदर जब भी सुधार की बात सामने आ जाती है तो कुछ राजनीतिक नेताओं को यह सुधार आरएसएस का षड्यंत्र दिखाई देता है! टेलीग्राफ ने कुछ शिक्षकों और विद्यार्थियों का व्यक्तिगत छापा है कि वैदिक और हिंदुस्तानी ग्रंथों का उपयोग करके शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है! इन शिक्षकों और विद्यार्थियों ने यह भी चिंता जताई है कि आइडिया भारत पर आधारित पाठ्यक्रम में मुस्लिम शासन काल की महत्ता समाप्त हो जाएगी!
Talegraph ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज के एक अनजान विद्यार्थी का कथन छपा है कि वह आइडिया भारत के माध्यम से प्राचीन भारतीय सभ्यता के महिमामंडन से व्यथित है! दिल्ली विश्वविद्यालय के ही श्याम लाल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जितेंद्र मीणा ने भी चिंता व्यक्त की कि नया पाठ्यक्रम साहित्य के स्थान पर धार्मिक साहित्य का महिमामंडन कर रहा है एवं इतिहास को दर्द देता है!
Demonising our Muslim past & sidelining historical texts like Arthashastra. Removing chapters on pre-1857 rebellions, Dalit politics & reducing attention on people like Ambedkar, Gandhi, Nehru, Patel should tell you everything about what the real purpose of this effort is
2/2— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 23, 2021
हालांकि ऐसे मुद्दों के ऊपर असदुद्दीन ओवैसी कुछ ना कहे यह तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता है उन्होंने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी के ऊपर यह आरोप लगा दिया है कि बीजेपी अपने हिंदुत्व की विचारधारा को पाठक पढ़ने का कार्य कर रही ओवैसी ने एक ट्वीट के अंदर यह कहा है कि शिक्षा प्रोपेगेंडा नहीं है! भाजपा हिंदुत्व की विचारधारा को पाठक अभी कर रही है माइथोलॉजी को स्नातक कार्यक्रमों में नहीं पढ़ाना चाहती ओबीसी ने ड्राफ्ट पर प्रश्न उठाते हुए पूछा है कि पाठ्यक्रम मुस्लिम इतिहास को मलिन कर रहा है!