बीजेपी पार्टी की नींव भले ही बंगाल के श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा रखी गयी हो जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनकर उभरी थी. देश भर में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतकर ऐसा इतिहास रचा की कांग्रेस भी इस जीत की कल्पना नहीं कर सकती थी. लेकिन अपने कहावत तो सुनी ही होगी ‘दिए के नीचे, अँधेरा’.
ऐसा ही हुआ भारतीय जनता पार्टी के साथ वह पुरे देश में तो उजाला करने में कामयाब हो गयी लेकिन जिस राज्य से उसकी शुरुआत हुई यानी पश्चमी बंगाल वहां अपनी जीत कभी नहीं दर्ज़ कर पाई. लेकिन इस बार के हालात बता रहें हैं की भारतीय जनता पार्टी अब जल्द ही इस राज्य में भी कमल खिलाने की पूरी तैयारी में हैं.
साल 2016 में भारतीय जनता पार्टी को यहाँ महज 3 विधानसभा सीट जीतने का सौभाग्य मिला था लेकिन इस बार के अभी तक के Opinion Poll बता रहें हैं की भारतीय जनता पार्टी 150 से 162 के बीच सीटें जीत सकती हैं. 294 विधानसभा सीट वाले इस राज्य में सरकार बनाने के लिए पार्टी को 148 सीट जीतना अनिवार्य हैं, इस लक्ष्य से बीजेपी फिलहाल आगे ही चलती हुई नज़र आ रही हैं.
भारतीय जनता पार्टी के लिए पश्चमी बंगाल की जीत बेहद जरूरी हैं क्योंकि बीजेपी 2024 से पहले NRC लागु कर बंगाल और पश्चमी बंगाल के बॉर्डर को सील कर देना चाहती हैं. अब राज्य की पुलिस और सरकारी तंत्र बीजेपी के पास होता है तो यह काम बेहद आसान हो जायेगा अन्यथा अपने CAA के विरोध में पश्चमी बंगाल के दंगे तो देखे ही होंगे.
दूसरी और देखा जाये तो बीजेपी के सामने तृणमूल कांग्रेस ही नहीं हैं. इसकी एक मुख्य वजह यह है की मान लीजिये पश्चमी बंगाल के परिणाम आते है और बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कुछ सीट कम बनती हैं. ऐसे में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली पार्टियां CPI, TMC, AIMIM, Congress आदि में से कौन BJP का साथ देगा?
जाहिर हैं कोई भी नहीं सब TMC के साथ गठबंधन कर बीजेपी के खिलाफ सरकार बना लेंगे जैसा की हमने महाराष्ट्र में देखा. ऐसे में BJP अपनी तरफ से पूरा प्रयास करेगी की चुनावों के परिणाम निर्णायक हो जिससे सरकार बनाने के लिए किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े.