जैसा की आप सब जानते होंगे देश में अलग अलग शहरों में अब लोग सुबह होने वाली तेज़ आज़ान को लेकर अपनी शिकायतें दर्ज़ करवा रहें हैं. ऐसे में अब ताज़ा मामला वाराणसी से सामने आ रहा हैं, इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने सुबह तेज़ आवाज़ से होने वाली खलल के चलते शिकायत कर डाली हैं.
इसी शिकायत के आधार पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को लागू करने के लिए जिलों के डीएम और एसएसपी को सीधे दिशा निर्देश दे दिए हैं. इसी के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से बीएचयू के एक छात्र ने वाराणसी पुलिस को ट्वीट कर मस्जिद से आने वाली आवाज़ की शिकायत दर्ज़ कर दी.
इस ट्वीट के बाद पुलिस ने छात्र को आश्वासन देते हुए जल्द ही कार्यवाही करने का भरोसा दिया. प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी और प्रतापगढ़ के डीएम और पुलिस प्रमुखों को एक पात्र लिखते हुए प्रयागराज रेंज के आईजी केपी सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अपील पर आये इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर जल्द सख्ती से लागु करने का आदेश दे दिया हैं.
आपको बता दें की 15 मई, 2020 को पारित आदेश में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा था की बिना किसी बड़े अधिकारी की मंजूरी के किसी भी धर्म के व्यक्ति द्वारा रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाऊड स्पीकर का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा था की आज़ान धार्मिक हिस्सा हो सकती है लेकिन स्पीकर जैसे उपकरणों से उसकी आवाज़ बढ़ाना धार्मिक हिस्सा नहीं हो सकता.
आपको बता दें की मुसलमानों का कहना था की आज़ान मुस्लिम धर्म का एक हिस्सा हैं. इस पर रोक लगाना भारतीय के संविधान के खिलाफ हैं. उधर अदालत का कहना था की हम मानते है की आज़ान मुस्लिम धर्म का हिस्सा हो सकता हैं, लेकिन क्या स्पीकर पर तेज़ आवाज़ के जरिए बजाना धार्मिक हिस्सा नहीं हो सकता. इसलिए रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजकर 30 मिनट के बीच में आप तेज़ आवाज़ से लोगों की नींद नहीं खराब कर सकते.
इलाहाबाद हाइकोर्ट में अपने फैसले में सभी धर्मों का जिक्र किया है यानी यह स्पीकर वाला फैसला सिर्फ मस्जिद ही नहीं बल्कि मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च में भी लागु होगा. हालाँकि मीडिया इसे केवल एक धर्म विशेष से जोड़कर तनाव पैदा करने की कोशिश में हैं.