NIA को मिला एहम सबूत कार में बम रखने वाला हो सकता है सचिन वझे

NIA ने जबसे सचिन वझे को गिरफ्तार किया है तब से ही बड़े खुलासे हो रहें हैं. पहले जान लेते है आखिर सचिन वझे हैं कौन? सचिन वझे महाराष्ट्र पुलिस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं और यही नहीं इनकी पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति की पूछताछ के दौरान मृत्यु हो गयी थी.

इसके बाद इनपर कार्यवाही शुरू हुई और नाराज़ सचिन वझे ने खुद पर हुई कार्यवाही के चलते इस्तीफ़ा दे दिया. उसके बाद यह शिवसेना पार्टी में शामिल हो गए और जब तक बीजेपी शिवसेना का गठबंधन था यह एक कार्यकर्त्ता के तौर पर पार्टी के साथ जुड़े रहे.

शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन टूटा और कांग्रेस के गठबंधन से बनी सरकार में इन्होने अपनी नौकरी वापिस ज्वाइन कर ली. इस दौरान इनका नाम उस समय मीडिया की सुर्ख़ियों का हिस्सा बना जब इन्होने हथियारों के साथ अर्नब गोस्वामी को घर से गिरफ्तार किया और उन्हें पुलिस कस्टडी में टॉर्चर किया गया.

अब दूसरी बार इनका नाम तब सामने आया जब एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अम्बानी के घर के बाहर से मिली जेलेटिन की झड़ों से भरी कार के केस में इनका लिंक सामने आया. पुलिस को एक CCTV फुटेज मिला हैं जिसमें एक इंसान PPE किट पहन कर कार को मुकेश अम्बानी के घर के पास छोड़ जाता हैं.

दरअसल 18 फरवरी को स्कॉर्पियो ऐरोली-मुलुंड ब्रिज से चोरी हो गयी थी. इस कार के मालिक मालिक मनसुख हीरेन ने विक्रोली पुलिस में शिकायत भी दर्ज़ करवाई थी. मनसुख हीरेन का कहना था की वह ऐरोली-मुलुंड ब्रिज से 17 फरवरी की रात को घर आ रहे थे. रास्ते में कार खराब हो गयी और वह उसे वहीँ छोड़ दिए ताकि सुबह मैकेनिक के साथ आकर ठीक करवा लूंगा.

जब वह सुबह वहां पहुंचे तो कार वहां पर नहीं थी, उन्होंने यह बयान मीडिया में उस वक़्त दिया जब 25 फरवरी को उनकी स्कॉर्पियो कार जेलेटिन की छड़ों के साथ अम्बानी के घर के बाहर मिली. इसके बाद खबर आई की मनसुख हीरेन ने आत्महत्या कर ली हैं.

इस दौरान सचिन वझे की मजूदगी में मनसुख हीरेन का पोस्टमार्टम हुआ जिसमें डॉक्टर्स ने आत्महत्या करार दिया. मनसुख हीरेन के परिवार के दबाव में सचिन वझे की गैरमजूदगी में दूसरा पोस्टमार्टम हुआ जिसमें पता चला की मनसुख हीरेन के मुंह में रुमाल ठूस कर उन्हें तालाब में फेंक दिया गया था, उनके शरीर पर कुछ घाव भी थे.

बस यहीं से शुरू हुआ सचिन वझे पर NIA की जांच का सिकंजा और साथ ही एक कैब ड्राइवर ने बयान दिया की उन्होंने 17 फरवरी की रात को मनसुख हीरेन को ऐरोली-मुलुंड ब्रिज से विक्रोली पुलिस स्टेशन तक छोड़ा था. उस रात विक्रोली पुलिस स्टेशन में सचिन वझे भी ड्यूटी पर थे और जहाँ मनसुख हीरेन की लाश मिली वो एरिया सचिन वझे के कंट्रोल में नहीं आता फिर भी सचिन वझे ने ही केस हैंडल करते हुए पोस्टमार्टम अपने सामने करवाया.

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