समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम के साथ गठबंधन करने को लेकर बहुत ही गोल-मोल जवाब दिया हैं. उन्होंने कहा हैं की हम उन सभी पार्टियों से दुरी बनाकर चलेंगे जो बीजेपी के साथ किसी न किसी तरह से जुडी होंगी. इसके इलावा उत्तर प्रदेश में एक सेक्युलर, सोसलिस्ट समाज बने इसके लिए जो भी पार्टी तैयार होगी हम उससे गठबंधन करेंगे.
अपनी वार्तालाप में अखिलेश यादव ने यह भी कहा हैं की, 2022 के चुनावों के लिए हम किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. जिसका साफ़-साफ़ इशारों में मतलब, कांग्रेस से था. क्योंकि कांग्रेस बड़ी पार्टी होने के कारण मनचाही सीटें ले तो लेती हैं लेकिन जीत के अनुपात सबसे पीछे खड़ी नज़र आती हैं, उदाहरण के लिए बिहार चुनाव के परिणाम.
अखिलेश यादव ने कहा हैं की हमारा बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन करना कभी भी पार्टी के हित में नहीं रहा. इसलिए हम इस बार उन सभी छोटी पार्टियों को गठबंधन करने का न्यौता देते हैं, जो बीजेपी की नीतियों के खिलाफ हो. अखिलेश यादव ने यह भी कहा की पुलिस प्रशासन के दम पर बीजेपी विपक्षी पार्टियों को डराना चाहती हैं.
उनका मतलब आज़म खान से था और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहते हुए बताया की आप लोग आज़म साहब को ही देख लीजिये. आज उनपर कितने केस दर्ज़ हैं. मीडियाकर्मी ने जब सवाल किया की आज़म खान से आपकी बातचीत हुई हैं या नहीं तो उन्होंने कहा अगर हुई भी हो तो अब वो क्या ही बता सकते हैं.
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा हैं की बीजेपी सेल्फी लेने वाली सरकारों में से एक हैं. वह समाजवादी पार्टी के समय में हुए कामों को भी अपना बताकर सेल्फी ले रहें हैं. अखिलेश यादव ने कहा की जनता सब जानती हैं और वह इस सेल्फी लेने वाली सरकार को गिरा देगी.
अखिलेश यादव ने महंगाई के मुद्दे, नोटबंदी के मुद्दे, GST के मुद्दे और भी ऐसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की हैं. अब देखना यह होगा की क्या सच में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बीजेपी के खिलाफ हवा बनाने में कामयाब हो पाती हैं या फिर बीजेपी विपक्षी दलों की आपसी फुट और विकास के दम पर राज्य की जनता का विश्वास एक बार फिर से जीतने में कामयाब होती हैं.