पूरे देश में किसान करेंगे विरोध प्रदर्शन रिपब्लिक डे पर हुई हिंसा के लिए मांगी माफी लेकिन अब अगला कदम

रिपब्लिक डे के दिन किसानों ने दिल्ली में जो उत्पात मचाया है उसके बाद तो शायद हर कोई यह सोच रहा है कि यह किसान थे भी या नहीं? वहीं इस मामले को लेकर किसान नेता पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि हमें तो इस बात की कोई जानकारी ही नहीं है! तो वहीं दिल्ली के लाल किले पर धार्मिक ध्वज लहरा दिया गया!

बता दें कि इस मौके पर किसानों के द्वारा 153 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और जगह-जगह पर हिंसा हुई है! लेकिन सबसे शर्म की बात तो यह है कि अभी तक किसान नेता अपनी गलती नहीं मान रहे और बेशर्मी से हिंसा का बचाव कर रहे हैं पुलिस को ही दोषी ठहरा रहे हैं और इस पूरे देश में प्रदर्शन करने की धमकी दे रहे हैं! ऐसे में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की बयान बाजी भी चालू है किसान संगठनों का कहना है कि वह केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को जारी रखेगी और इसको पूरे देश में फैल आएगी!

ऐसे में 26 जनवरी के उत्पात के बाद किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि 1 फरवरी 2021 को जब देश की संसद में बजट पेश किया जाएगा तब वह फिर से संसद की ओर मार्च करेंगे! उनका कहना है कि मंगलवार को हिंसा होने के बावजूद भी हमारी योजना स्थगित नहीं की गई है! हालांकि जनता एवं पुलिस को हुई परेशानी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और पुलिस प्रशासन इस पर सख्त रवैया अख्तियार कर सकता है!

वहीं दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत ने खालिस्तानी समर्थक दीप सिंधु से भी पल्ला झाड़ लिया है और उसको बीजेपी का कार्यकर्ता बता दिया है! यही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उसकी तस्वीर होने का भी दावा किया जा रहा है जबकि वह बरखा दत्त सरीखों को इंटरव्यू दे दे देखकर भिंडरवाला का बचाव करने में लगा हुआ था! राकेश टिकैत का कहना है कि यह किसानों का आंदोलन है और किसानों का ही रहेगा उन्होंने यह भी दावा किया है कि बैरिकेडिंग तोड़ने वाले को यहां से जगह छोड़नी होगी और अब वह इस आंदोलन का हिस्सा नहीं रहेंगे!

राकेश टिकैत ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने सभी आंदोलनकारियों को अपनी छड़ी लाने को कहा था जिसमें झंडे लगे हो! लाठी-डंडों में की पिटाई होने पर उन्होंने कहा कि आप मुझे एक ही ऐसा झंडा दिखा दीजिए, जिसमें छड़ी ना हो वह अपनी गलती को स्वीकार कर लेंगे! उन्होंने आगे कहा कि “हमारे किसानों के कई ट्रैक्टर वापस नहीं आए हैं। हमारे ट्रैक्टरों को पुलिस ने तोड़फोड़ डाला है। अब पुलिस को उन ट्रैक्टरों को बनवा कर हमें वापस देना होगा और नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी। हम जानकारी जुटा रहे हैं कि कितने ट्रैक्टर तोड़े गए। हिंसा पुलिस ने की या किसी ने भी, हम इसकी निंदा करते हैं। सबका सहयोग रहा है – किसानों का, पुलिस का। गलती पुलिस की है। उन्होंने रूट गलत दिया। बेचारे किसानों को क्या पता कि कहाँ डाइवर्जन है, कहाँ ओवरब्रिज है। वो भटक गए।”

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