रैली शांतिपूर्ण हो रही है, मीडिया भ्रम न फैलाए: राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने अपना बयान जारी करते हुए दिल्ली में किसी भी प्रकार की हिंसा का खंडन कर दिया हैं. उनका कहना है की ट्रेक्टर मार्च शांतिपूर्वक हो रहा हैं. जबकि आप खुद ही सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल पर देख सकते हैं की सिखों ने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहरा दिया. इसी के साथ उन्होंने नई दिल्ली में आईटीओ में बैरिकेड और बसों में तोड़फोड़ की.

इसके इलावा एक महिला पुलिस कर्मी की बेहरहमी से पिटाई की भी ख़बरें आ रही हैं और तो और एक सिख ने तो दिल्ली पुलिस के मुलाजिम के हाथ पर तलवार मारकर हाथ ही काट डाला. इन सबके बावजूद राकेश टिकैत का कहना है की ट्रेक्टर रैली शांतिपूर्वक हो रही हैं.

भारत की आन-बान और शान लाल किले से तिरंगा हटा दिया गया, उसपर खालिस्तानी झंडा फहरा दिया गया. फिर भी उन्हें यह रैली शांतिपूर्वक नज़र आ रही हैं, द वायर जैसे न्यूज़ किसानों को लेकर एक तरफ़ा न्यूज़ चला रहें हैं शायद लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ इसे लोकतंत्र की जीत के जश्न के रूप में मना रहा हैं.

यही नहीं राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को धमकी देते हुए कहा है की अगर उन्होंने यह कानून वापिस नहीं लिया तो वह इस तरह का शांतिपूर्वक प्रदर्शन आगे भी जारी रखेंगे. दिल्ली पुलिस ने जब इन्हें शांतिपूर्वक रैली निकालने का आदेश दिया था तो साफ़ कहा था की सिखों को हथियार ले जाने की अनुमति नहीं हैं.

परन्तु अब क्योंकि तलवार, खंडा, भाला आदि सिखों की धार्मिक आस्था के चलते वो अपने पास ही रखते हैं तो यही से शुरू हुआ नई दिल्ली में संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के पास का विवाद. पुलिस और सिखों में हुई बहस के कुछ देर बाद ही सिखों ने पुलिस पर हमला बोल दिया, तलवार और लाठियां चलाते हुए वो आगे बढ़ते चले गए.

कुछ वीडियो में आप देखोगे की कैसे किसान सुरक्षा कर्मियों को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास कर रहें हैं, इसके बावजूद राकेश टिकैत को यह प्रदर्शन शांतिपूर्वक लग रहा हैं. देखना यह होगा की क्या सरकार भविष्य में ऐसे आंदोलनों को शुरू होने से पहले रोकने में कामयाब होती हैं? क्योंकि सरकार कई ऐसे कानून लाने की बात करती है जो भविष्य में ऐसे आंदोलनों को फिर से जन्म देंगे.

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