कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) पर निशाना साधते हुए बोलने की मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ गए. उन्होंने कहा की, “भाजपा का पैतृक संगठन तमिलनाडु का भविष्य तय नहीं कर सकता और इसका फैसला राज्य की जनता एवं इसके युवा करेंगे.”
राहुल गाँधी ने बिना किसी तर्क के फिर एक बार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर इलज़ाम लगाते हुए कहा की, नरेंद्र मोदी को भ्रम है की वह तमिलनाडु (Tamilnadu) की सरकार को डरा और धमका सकते हैं. वह तमिलनाडु के लोगों पर नियंत्रण कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा की, “वह (मोदी) नहीं समझते हैं कि तमिलनाडु का भविष्य केवल तमिल लोग ही तय कर सकते हैं. नागपुर के ‘निक्करवाले’ कभी भी राज्य का भविष्य तय नहीं कर सकते हैं. तमिलनाडु के भविष्य का फैसला इसके युवा करेंगे.”
भाषा और क्षेत्र के बिखराव पर अपनी राजनीती चमकाने की कोशिश करते हुए राहुल गाँधी ने कहा की, राज्य की जनता को ऐसी सरकार चुननी चाहिए जो तमिल और तमिलनाडु के लोगों और परम्पराओं की रक्षा कर सके. इसी के साथ उन्होंने कहा की तमिलनाडु के लोगों के साथ उनके ‘घरेलु संबंध’ हैं. यहां के किसानों के हितों के लिए हम नरेंद्र मोदी द्वारा पास किये गए तीन कृषि कानून कभी लागू नहीं करने देंगे.
भारतीय सेना का मनोबल गिराते हुए और उनके द्वारा भारतीय रक्षा पर सवाल उठाते हुए राहुल गाँधी ने ब्यान दिया हैं की, चीन ने भारत की जमीन पर कब्ज़ा कर रखा हैं. इसके साथ ही उनका कहना है की, 56 इंच का सीना रखने वाले नरेंद्र मोदी के मुंह से चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं निकलता.
उन्होंने फिर एक बार उद्योगपति घरानों को लेकर जनता के बीच नफरत फैलाने का काम करते हुए कहा की नरेंद्र मोदी महज़ 5-6 उद्योगपतियों को खुश करने के लिए देश में सरकार चला रहें हैं. राज्य में अगले कुछ महीनों बाद विधानसभा के चुनाव होंगे, इसीलिए तमिलनाडु में राहुल गाँधी गैर बीजेपी दलों की सरकार बनवाने के लिए रैली कर रहें हैं और उन्होंने ब्यान देते हुए कहा की, “केंद्र सरकार किसानों, मजदूरों या सूक्ष्म, लघु या मध्यम श्रेणी के उद्यमियों के लिए नहीं है जो देश का भाग्य हैं.”