जैसा की बीजेपी के बड़े नेता पहले ही कह चुके हैं, ऐसा भी हो सकता है की पश्चमी बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव से पहले ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी (Trinamool Congress Party) अल्पमत्त में आ जाए. अब इसी क्रम में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को एक के बाद एक दो बड़े झटके लगे हैं.
तृणमूल कांग्रेस से पहले ही कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में शामिल हो चुके हैं ऐसे में शुक्रवार दो नाम इस्तीफ़ा देने वालों की लिस्ट में और जुड़ गए हैं. पहला नाम बाली सीट की विधायक बैशाली डालमिया का है और दूसरा नाम वन मंत्री राजीब बनर्जी (Rajib Banerjee) का सामने आया हैं.
बैशाली डालमिया (Baishali Dalmiya) कुछ समय से तृणमूल कांग्रेस से नाराज़ चल रही थी, पार्टी ने उनसे बात करने की बजाए उन्हें बहार का रास्ता दिखा दिया. जबकि वन मंत्री (Forest Minister) राजीब बनर्जी ने खुद ही राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया. बैशाली डालमिया की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस का कहना है की तृणमूल कांग्रेस की अनुशासन समिति ने यह फैसला किया हैं, वह काफी समय से पार्टी विरोधी बातें कर रही थी इसलिए अब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं.
अभी कुछ समय पहले की बात है जब बैशाली डालमिया ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था की पार्टी में कुछ नेता ऐसे हैं जो पार्टी को चट कर देना चाहते हैं. मुख्यमंत्री तक हमारे जैस नेताओं की बात को पहुँचाया ही नहीं जाता और न ही मुख्यमंत्री हमें मिलने का समय देती हैं. तृणमूल कांग्रेस अब भतीजावाद की राजनीती कर रही हैं जो हमारे जैसे नेताओं के लिए जनता के बीच शर्म का कारण बनती हैं.
आपको शायद पता न हो लेकिन बैशाली डालमिया का यह बयान उस समय आया जब वह सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का हालचाल पूछने उनसे मिलने हॉस्पिटल गयी थी. बैशाली डालमिया और सौरव गांगुली अच्छे दोस्त हैं, ऐसे में इस मुलाकात के बाद उनका यह बयान राजनीती पंडितों को हज़म नहीं हो रहा. यही कारण हैं की इससे पहले बैशाली इस्तीफ़ा देती पार्टी ने खुद ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.