कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी फिलहाल मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस की हिरासत में हैं. वह मध्य प्रदेश हाई-कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में अपनी बेल की कई अर्जी लगा चुके हैं. मध्य प्रदेश हाइ-कोर्ट लगातार उनकी बेल की अर्जी को कैंसिल कर रहा हैं. इंदौर पुलिस (Indore Police) ने मुनव्वर फारूकी को भगवान राम-सीता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने के चलते गिरफ्तार किया गया था.
लेकिन अब इस मामले में बड़ा मोड़ उस वक़्त आया जब उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने इंदौर सेंट्रल जेल और सीजेएम कोर्ट के समक्ष 7 जनवरी को कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Comedian Munawar Farooqui) को अपनी कस्टडी में लेने के लिए प्रोडक्शन वारंट प्रस्तुत किया हैं. इस वारंट का मुख्य कारण कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी द्वारा पिछले साल भगवान् राम और सीता पर की गयी अभद्र टिप्पणी के चलते दर्ज़ हुए केस जो की 19 अप्रैल, 2020 में आशुतोष मिश्रा (Ashutosh Mishra) नामक एक अधिवक्ता की शिकायत पर किया गया था.
यह केस प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज़ हुआ था. इस केस में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 153A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धर्म का अपमान कर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) और धारा 65 और 66 आईटी एक्ट, 2008 के तहत मामला दर्ज़ किया हैं.
यह पूरा मामला पिछले साल हैं जिसमें उन्होंने अपने यूट्यूब वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए, गोधरा ट्रेन जलने के मामले में हिंदुओं की मौत का मजाक उड़ाते हुए और नरसंहार में आरएसएस और अमित शाह को दोषी ठहराने की कोशिश की थी. जबकि गोधरा ट्रेन कांड में सबूतों के साथ कोर्ट ने कांग्रेस के नेता और कुछ मौलवियों और अन्य लोगों को दोषी ठहराते हुए सज़ा सुनाई हैं.
मध्य प्रदेश की एक अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट अमन सिंह भूरिया (Aman Singh Bhuriya) ने फिलहाल कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की न्यायिक हिरासत को 15 जनवरी से 27 जनवरी तक बढ़ा दिया हैं. ऐसे में अगर कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को बेल मिल भी जाती हैं तो उनकी मुश्किलें ख़त्म नहीं होगी क्योंकि वह इंदौर से छूटकर प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिए जाएंगे.