इस घोटाले में फसा पवार का पूरा परिवार, जल्द हो सकती हैं गिरफ्तारी

महाराष्ट्र में शरद पवार (Sharad Pawar) और उनका पूरा परिवार एक बड़े घोटाले में फास्ट हुआ नज़र आ रहा हैं. यह घोटाला महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (Maharashtra State Co-operative Bank) से जुड़ा हुआ हैं, यह पूरा घोटाला 2007 से 2011 और फिर 2012 में हुई फ़र्ज़ी बिड का हैं और उस समय अजित पवार इस महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन थे.

ED इस घोटाले की जांच पिछले साल 2019 से कर रहा हैं आपको बता दें की महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक 25000 के घोटाले के कारन डूब गया था. 25000 में से 1000 करोड़ का घोटाला पवार खानदान से सीधा जुड़ा हुआ हैं. कुछ ही लोगों को पता होगा की महाराष्ट्र में चीनी मिलों में पवार परिवार की तूती बोलती हैं.

इसका सबसे मुख्य कारण हैं महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के पास कन्नड़ सहकारी शक्कर कारखाना (Kannada Cooperative Sugar Factory) थी, यह फैक्ट्री क़र्ज़ में डूबी होने के कारण बेचीं जानी थी. इसके लिए बिडिंग होने थी, जो सबसे ज्यादा बोली लगाता यह फैक्ट्री उसकी हो जाती. इसके लिए तीन कंपनियां आगे आई जिसमें एक कंपनी बारामती एग्रो (Baramati Agro) थी.

बारामती एग्रो पवार परिवार की कंपनी हैं, बारामती एग्रो के इलावा हाईटेक इंजीनियरिंग (Hitech Engineering) और तीसरा समृद्धि शुगर प्राइवेट लिमिटेड (Samruddhi Sugar Private Limited) थी. तीनों कंपनियों में से बिड कौन जीता? वही बारामती एग्रो, बारामती एग्रो सबसे अधिक बोली लगाई और 50 करोड़ में डूबती हुई कंपनी को खरीद लिए.

घोटाला का पता चला हाईटेक इंजीनियरिंग के बैंक अकाउंट को देखकर, हाईटेक इंजीनियरिंग के बैंक अकाउंट में बारामती एग्रो बिडिंग से ठीक पहले 5 करोड़ का इंटरेस्ट फ्री लोन (Interest Free Loan) देती हैं, यह 5 करोड़ बिड से पहले सिक्योरिटी के नाम पर पैसे जमकर करवाने थे. उसके बाद बिडिंग में हाईटेक इंजीनियरिंग बारामती से कम बिड लगाती हैं और बारामती जब नीलामी जीत जाती हैं तो हाईटेक इंजीनियरिंग, बारामती एग्रो को 4.59 करोड़ रूपए वापिस कर देती हैं.

41 लाख कभी वापिस नहीं किये जाते जिसका मतलब साफ़ था की हाईटेक इंजीनियरिंग को बिडिंग में भाग लेने के लिए ही 41 लाख दिया गया था यानी वह डमी बिडर (Dummy Bidder) था. इसके लगभग 1 साल भीतर ही कन्नड़ सहकारी शक्कर कारखाना जिसे शरद पवार के परिवार की कंपनी ने 50 करोड़ में खरीदा था उसे उनके भतीजे अजीत पवार (Ajit Pawar) ने अपने चेयरमैन रहते हुए 120 करोड़ रूपए का लोन पास कर दिया.

कंपनी पहले ही कर्ज़े में डूबी थी, दिवालिया होने के कगार पर थी, 50 करोड़ में नीलामी में फर्जीवाड़ा करते हुए शरद पवार के परिवार की कंपनी बारामती एग्रो ने खरीद लिया था. फिर 120 करोड़ का लोन लिया गया और इसके कुछ समय बाद कंपनी को दिवालिया घोषित करते हुए 120 करोड़ डकार लिए गए. इसी प्रकार के कुछ अन्य घोटालों को मिलाये तो कुल 1000 करोड़ के घोटाले शरद पवार के परिवार से जुड़े हुए हैं और (Enforcement Directorate) ED जल्द ही इनपर पूरी रिपोर्ट जारी कर सकता हैं.

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