मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करो नहीं तो बीजेपी जीत जाएगी: हरीश रावत

कुर्सी, यह एक ऐसी चीज़ है अगर कोई नेता इस पर बैठ जाए तो वह मरते दम तक उससे उतरना नहीं चाहता. हालाँकि यह एक लोकतान्त्रिक देश है तो नचाहते हुए भी नेता को इस कुर्सी को छोड़ना पड़ जाता है, लेकिन दुबारा बैठने के लिए उसकी कोशिशें और चाहत और ज्याद बड़ी हुई नज़र आती हैं. ऐसा ही देखने को मिला उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) का.

हरीश रावत उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, फिलहाल वह पंजाब (Punjab) में कांग्रेस को एक जुट रखने के पार्टी का सहयोग कर रहें हैं. क्योंकि पंजाब की कांग्रेस प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) और अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के आपसी टकराव के चलते टूटने वाली थी. 2017 में आखिरी समय पर अमरिंदर सिंह को पंजाब का मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया गया जबकि वह अमृतसर में लोकसभा सांसद थे.

उसके बाद उन्होंने 2017 में चुनावों के दौरान घोषणा की थी यह मेरे आखिरी चुनाव हैं, हालाँकि अब उनका कहना है की जब तक जनता चाहेगी मैं मुख्यमंत्री बना रहूँगा. ऐसे में बाजवा जो 2017 में ही मुख्यमंत्री बनना चाहते थे उनका 2022 में भी मुख्यमंत्री बनने का सपना दूर हो गया जिस वजह से कांग्रेस दो भागों में टूटी हुई नज़र आ रही थी.

पंजाब कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने PTI (Press Trust of India) को दिए इंटरव्यू में कहा की, “पार्टी के सामने चुनाव में कोई असमंजस नहीं होना चाहिए और जनता के सामने यह स्पष्ट होना चाहिए कि कौन चेहरा है. कांग्रेस के लिए यह जरूरी है क्योंकि भाजपा हर चुनाव को ‘मोदी बनाम कांग्रेस के स्थानीय नेता’ बना देती है. चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर लाने के लिए चेहरे की जरूरत है.”

उन्होंने आगे कहा की, “अमरिंदर सिंह को पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो हमें फायदा हुआ. हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम आगे किया तो हारा हुआ लग रहे चुनाव में हम बराबर की लड़ाई में आ गए. शीला दीक्षित को आगे किया तो दिल्ली में लोकसभा चुनाव में हम नंबर दो पर रहे. इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि चेहरा होने से असमंजस नहीं रहेगा जिसका हमें फायदा होगा.”

जब PTI प्रवक्ता ने उनकी अपनी दावेदारी को लेकर सवाल किये तो उन्होंने कहा की, “मेरी दावेदारी का सवाल नहीं है. अगर किसी और नाम को भी घोषित करते हैं तो मैं साथ खड़ा हूं. लेकिन मैं राजनीति में हूं और किसी जिम्मेदारी से इनकार कैसे कर सकता हूं. मैं इसे पूरी तरह निभाऊंगा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (प्रीतम सिंह) का स्वाभाविक नाम है, विधायक की दल की नेता (इंदिरा हृदयेश) का स्वाभाविक नाम है. कई दूसरे नेता भी हैं. पार्टी इनमें से किसी को भी घोषित करती है तो मैं उसका पूरा सहयोग करूंगा.”

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