कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में नज़र आये राकेश टिकैत, कही यह बात

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (जनवरी 12, 2021) को नए तीनो ही कृषि कानूनों पर रोक लगा दी हैं. उन्होंने निश्चित समय पर फैसला करने और कमेटी बनाने का आग्रह किया हैं. इसके इलावा सुप्रीम कोर्ट का कहना है की, सरकार ने मसले को अच्छे से हैंडल नहीं किया. जबकि सरकार पहले दिन से ही बिल में मजूद खामिया बताने के लिए किसान संगठनों से आग्रह कर रही हैं.

किसान संघठन की जब तमाम मांगे मान ली गयी तो इन्होने अपने तरकश से बिल रद्द करो वाला तीर निकाल लिया. सरकार का कहना है की देश भर में 500 से ज्यादा किसान संघठन हैं. बिल के विरोध में मात्र 40 किसान संघठन हैं वो भी ज्यादातर किसी न किसी राजनितिक पार्टी का हिस्सा हैं. देश के लगभग 100 से अधिक किसान संगठनों का कहना है की अगर बिल रद्द हुआ तो हम आंदोलन शुरू कर देंगे.

ऐसे में सरकार बिल के खिलाफ और बिल के समर्थन में मजूद किसानों के बीच मध्यस्ता करवाने की कोशिश कर रही हैं. जबकि मीडिया और सोशल मीडिया पर यह दिखाया जा रहा है की मामला सरकार और किसानों के बीच का हैं. इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने बिलों पर रोक लगा दी हैं लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत इससे नाखुश हैं.

राकेश टिकैत ने मीडिया को दिए बयान में कहा है की, “कानून अपना काम करता रहेगा, लेकिन हमारा आंदोलन चलता रहेगा. हम संतुष्ट नहीं हैं. जब तक बिल वापसी नहीं होगी. हमारी भी घर वापसी नहीं होगी. कानून तो इन्हें वापस करना होगा.” मध्यस्ता के लिए एक समिति के गठन को लेकर पूछे गए मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा की, “करेंगे बात करेंगे. सलाह करेंगे. सलाह मशविरा तो कर लेना चाहिए.”

26 जनवरी को संसद घेरने के मकसद से निकाली जाने वाली ट्रैक्टर रैली के बारे में बताते हुए राकेश टिकैत ने कहा की, “ये रैली होगी और जरूर होगी, देश आजाद हो चुका है उन्हें दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने की क्या जरूरत, वह झंडा फहराएँगे और उनको भी देंगे. कोई 26 जनवरी पर झंडा फहराहने की अनुमति लेता है क्या.”

About dp

Check Also

3GB प्रतिदिन डाटा के साथ यह रिलायंस जिओ के कुछ सस्ते प्लान, पढ़ें पूरी खबर

नए साल के अवसर पर सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने अपने ग्राहकों को लुभाने की कोशिश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *