आंदोलन में अन्नदाता द्वारा महिला पत्रकारों के छुए जा रहें हैं निजी अंग

आपने किसान आंदोलन में रिपब्लिक टीवी और जी न्यूज की महिला एंकरो के साथ हुई बतमीज़ी तो देखि ही होगी. अब बड़ा और शर्मनाक मामला सामने आ रहा है बताया जा रहा है की अन्नदाता भीड़ का फायदा उठा कर महिला एंकरों के के निजी अंगो को हाथ लगाने की कोशिश कर रहें हैं.

इस बात का खुलासा किसी और नहीं बल्कि खुद इंडिया टुडे की एडिटर प्रीति चौधरी ने किया हैं. प्रीति चौधरी ने दावा किया है की वहां मजूद अन्नदाताओं की भीड़ लड़की देखते हुए इक्क्ठे हो जाते हैं और भीड़ का फायदा उठा कर वह महिलाओं के निजी अंगो को छूने की कोशिश करते हैं. प्रीति चौधरी ने कहा की भीड़ में तमाम अन्नदाता ऐसी हरकतों को अनदेखा कर देते हैं और एक औरत होने के नाते अन्नदाताओं की भीड़ में खुद को लज़्ज़ित महसूस करते हैं.

मामला बाहर आते ही कांग्रेस नेता व भारत किसान यूनियन के सदस्य भूपेंद्र चौधरी ने महिला पत्रकारों के खिलाफ केस करने की बात कर डाली. भूपेंद्र चौधरी का कहना है की महिला पत्रकार न्यूज़ की भूखी होती हैं, उन्हें इस तरह के आंदोलन में जबरदस्ती न्यूज़ लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

लेकिन यह काफी शर्मनाक है अगर मान लीजिये कोई महिला अन्नदाताओं की भीड़ में न्यूज़ लेने पहुँच गयी हैं. अन्नदाता उसे न्यूज़ नहीं देना चाहते तो नैतिक तौर पर उन्हें महिला को मना कर देना चाहिए या फिर उसके निजी अंगो को हाथ लगाना चाहिए? इसीलिए भूपेंद्र चौधरी की बात का जवाब देते हुए प्रीति ने कहा की, “अगर बाइट देना नहीं चाहते तो मत दो. लेकिन कम से कम उसके नितंबों पर चुटकी तो मत काटो.”

यह वाक्या बेहद ही शर्मनाक हैं और कोई भी राजनेता या फिर अन्नदाता इस घटना को जस्टिफाई नहीं कर सकता. सबसे हैरानी की बात तो यह है की भूपेंद्र चौधरी उन महिलाओं के खिलाफ ही केस दर्ज़ करने की धमकी दे रहें हैं, जिन महिलाओं के साथ अन्नदाता यौन शोषण कर रहें हैं.

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