उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा की कानूनी रूप से तो यह गलत है और सज़ा भी मिलेगी लेकिन एक बाप होने के नाते उस पिता के पास दूसरा क्या रास्ता था? मामला है की एक पिता असलहा लेकर थाने पहुंच गया, पुलिस वाले हैरान थे और व्यक्ति बोला मैंने अपनी बेटी का क़त्ल कर दिया हैं.
पिता का कहना है की मेरी लड़की चरित्रहीन थी, मेरे बार-बार समझाने पर भी वह मानती नहीं थी. इसलिए मुझे मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा. यह पूरा मामला जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के जयसिंहपुर गांव का बताया जा रहा हैं. पुलिस का कहना है की गांव का चन्द्रमोहन यादव थरियांव कस्बे में ही एक छोटा सा मेडिकल स्टोर चलाता हैं.
पिता चन्द्रमोहन यादव ने बताया की बेटी चरित्रहीन थी, मैंने इसीलिए उसकी शादी कर दी थी. शादी के दो दिन बाद मुझे ससुराल वालों से इसके नाज़ायज़ संबधों को लेकर फ़ोन आने लगे. वहां पर भी इसने किसी से दोस्ती कर ली थी जिसका पता इसके ससुराल वालों को चल गया था.
चन्द्रमोहन यादव ने बताया की ससुराल वालों न इसे गुरुवार को वापिस भेज दिया था, मैंने इसे समझाया लेकिन फिर मुझे पता चला की यह गाँव के ही किसी लड़के से बातें कर रही हैं. ऐसे में मुझसे रहा नहीं गया और मैंने शनिवार को अपनी लाइसेंस वाली बन्दूक से अपनी बेटी के कनपट्टी पर बन्दूक रखकर चला दी.
उसके बाद आरोपी पिता सीधा थाने गया अपना गुनाह कबूल किया और सूचना मिलते ही DSP थरियांव भी घटनास्थल पर पहुंचे. लड़की की लाश को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस का कहना है की हम मामले की जांच कर रहें हैं और कानूनी रूप से यह हत्या की गयी है इसलिए पिता पर हत्या का मुक़दमा दर्ज़ किया गया हैं.
कानूनी रूप से यह हत्या का मामला हैं और क्योंकि आरोपी ने खुद गुनाह कबूल कर लिया है तो उसे 7 साल की सज़ा तो होकर ही रहेगी, इस बीच अच्छे बर्ताव के लिए जल्दी भी रिहा हो सकता है वो बात अलग है. लेकिन यह समाज में एक बहस का मुद्दा बन सकता है की क्या पिता का यह फैसला सही था या उसके पास कोई दूसरा विकल्प था? क्योंकि चरित्रहीन लोगों के लिए कानून में ऐसा कोई सज़ा का प्रावधान नहीं हैं.