अमेरिका इस वक़्त दंगों की चपेट में हैं, ट्रम्प के सपोटर्स उन्हें राष्ट्रपति पद से त्याग देते हुए नहीं देखना चाहते. ऊपर से ट्रम्प भी लगातार जो बाइडेन पर चुनावों में धान्द्ली का आरोप लगा चुके हैं. ऐसे में कल अमेरिका के कैपिटॉल हिल में काफी विवाद हुआ इस विवाद में एक भारतीय झंडा भी दिखा.
इस भारतीय झंडे की तस्वीर सामने आते ही वामपंथी मीडिया कर कांग्रेस के समर्थक ‘भक्त’ ‘भक्त’ चिलाने लगे. क्या भारतीय झंडा केवल बीजेपी समर्थक ही उठा सकता हैं? दरअसल भारत में कुछ ऐसे मजहबी ‘फैक्ट चेकर्स’ हैं जो बाल की खाल निकालने में माहिर हैं.
जैसे अगर कोई अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दे की अंग्रेज़ों ने भारत पर 200 साल राज़ किया था तो यह मजहबी ‘फैक्ट चेकर्स’ कहेंगे की नहीं अंग्रेज़ों ने नहीं बल्कि इंग्लैंड की सेना और उनकी ईस्ट इंडिया नाम की कंपनी ने किये था. सोशल मीडिया पर आपकी पोस्ट पर फैक्ट चेक लग जायेगा और कई बार झूठी ख़बरें फैलाने के जुर्म आपका अकाउंट भी डिलीट किया जा सकता हैं.
इस बार भी यही हुआ मजहबी ‘फैक्ट चेकर्स’ ने झंडा फहराने वाले व्यक्ति ‘भक्त’ घोषित कर दिया. इस तिरंगे को देखकर एक बयान खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी दिए, लेकिन कुछ घंटों के बाद पता चला की वह तिरंगा फहराने वाला व्यक्ति कोई भक्त नहीं बल्कि ज़ेवियर विन्सेंट (Vincent Xavier) था.
यह वही ज़ेवियर विन्सेंट (Vincent Xavier) जो शशि थरूर का दोस्त हैं, इनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर है. दरअसल भाजपा नेता वरुण गाँधी एक ट्वीट करते हुए लिखा था की, “भारतीय ध्वज वहाँ क्यों है? यह एक ऐसी लड़ाई है, जिसमें हमें निश्चित रूप से भाग लेने की आवश्यकता नहीं है.”
इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए शशि थरूर ने लिखा था की, “अपनी शान दिखाने के लिए तिरंगा लहराने वाले लोगों का मजाक उड़ाना आजकल आसान हो गया है. साथ ही, गलत मकसद के लिए भी तिरंगा लहराना आसान हो गया है. दुर्भाग्यवश कई लिबरल भारत में भी एंटी-नेशनल प्रदर्शन (JNU जैसे) में भी तिरंगे के गलत इस्तेमाल की चेतावनी को नजरअंदाज करते आए हैं. तिरंगा हमारे लिए गर्व का चिन्ह है, ऐसे में हम इसका सम्मान बिना किसी ‘मानसिकता’ के करते हैं.”
@ShashiTharoor @varungandhi80
American patriots – Vietnamese, Indian, Korean & Iranian origins, & from so many other nations & races, who believe massive voter fraud has happened joined rally yesterday in solidarity with Trump. Peaceful protestors who were exercising our rights! pic.twitter.com/aeTojoVxQh— Vincent Xavier (@VincentPXavier) January 8, 2021
हालाँकि विंसेंट जेवियर का इस आंदोलन में झंडा लहराना भले ही गलत हो सकता हैं, लेकिन उसे दंगाई कहना भी गलत होगा. राजनेता अक्सर जल्दबाज़ी में किसी के प्रति अपने विचार अपनी राजनीती साख को बढ़ाने या फिर सवारने के लिए जल्दबाज़ी में कर देते हैं. लेकिन अगर मीडिया भी उसी तरह से अपने विचार बिना सचाई जाने प्रगट करने लगे तो यह देश और देश के लोगों के लिए घातक होगा.