बीजेपी सरकार शुरू से ही कह रही है की यह किसान आंदोलन नहीं बल्कि राजनीती से प्रेरित आंदोलन हैं. इसका सबूत हमें भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार (7 दिसंबर,2021) के बयान से भी मिला, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है की हमारा प्लान 2024 से पहले आंदोलन ख़त्म करने का नहीं हैं.
जब एक मीडिया कर्मी ने पूछा की आप यह आंदोलन कब तक जारी रखेंगे राकेश टिकैत ने जवाब देते हुए कहा की, “तीन साल चलेगा यह आंदोलन, 2024 तक जारी रहेगा.” यानी साफ़ है की, इस आंदोलन का मकसद किसान बिलों को ख़त्म करवाने का नहीं बल्कि सरकार को अस्थिर करने का हैं.
यही नहीं सरकार के साथ किसान नेताओं से होने वाली सातवें राउंड की बातचीत में भी कोई हल नहीं निकला. शुरुआत में किसान नेताओं की मांग थी की हमने लिखित रूप में MSP ख़त्म नहीं होगी दें, सरकार ने बात मंजूर की. फिर किसान नेताओं ने कहा की किसानों को अदालत जाने का प्रावधान दीजिये, सरकार ने यह बात भी मान ली.
फिर किसान नेताओं ने कहा की हमारे बिजली के बिल माफ़ हों, सरकार ने यह बात भी स्वीकार कर ली. फिर किसान नेताओं ने कहा की पराली जलाने पर आपराधिक धाराओं के तहत मामले दर्ज़ न हो सरकार ने उसमे भी बदलाव के लिए तैयारी कर ली. फिर अब किसान नेता खूम कर उसी बात पर आ गए की नहीं बिल ही रद्द किया जाए.
अगर बिल ही रद्द करवाना था तो पहले की मांगे क्यों रखी गयी? मतलब साफ़ है की यह मामले को आगे खींचना चाहते हैं. अभी सूत्रों के हवाले से खबर यह भी मिली है की अगर सरकार बिल रद्द कर भी दे तो यह हर प्रकार की फसल पर MSP लागु करने की मांग रखते हुए आंदोलन जारी रखेंगे.
यानी जो लोग सोच रहें हैं की सरकार बिल रद्द कर दे तो आंदोलन ख़त्म हो जायेगा ऐसा नहीं होने वाला. सरकार जैसे-जैसे मांगे मानती जाएगी यह आंदोलन वैसे-वैसे अलग-अलग मुद्दों पर बढ़ता चला जाएगा. यही नहीं फिलहाल खबर है की बीकेयू प्रमुख का कहना है की 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस परेड’ के दौरान ‘ट्रैक्टर मार्च’ निकाल कर दिल्ली में संसद भवन का खेराव किया जाएगा.
Today, our tractor rally will go till Dasna, Aligarh road & then return to Ghazipur. This is a rehearsal for a similar rally on 26th Jan. Next round of talks with the Union Government will be held tomorrow: Rakesh Tikait, Spokesperson of Bharatiya Kisan Union, at Ghazipur border pic.twitter.com/TBU6BlzdDb
— ANI (@ANI) January 7, 2021
इस दौरान विदेशी मेहमान और मीडिया भारत में मजूद होंगे जिस वजह से अगर प्रशासन किसी भी प्रकार की कार्यवाही करता हैं तो खालिस्तानी विदेशों में इस मुद्दे को उठाते हुए कहेंगे की इसलिए हम अलग देश की मांग करते हैं, भारत में सिखों के साथ ऐसा व्यवहार होता हैं.