लव जिहाद के बारे में जब भी आप सुनते होंगे आपको लगता होगा की मुस्लिम लड़का एक हिन्दू लड़की से शादी करता है और फिर उस लड़की का जबरन धर्म परिवर्तित करवाता हैं. जबकि इस दूसरा पहलु भी हैं जिसको लेकर न कोई कानून हैं और न ही इसकी चर्चा मीडिया या सोशल मीडिया पर होती हैं.
यह मामला हैं उत्तर प्रदेश स्थित औरैया का बताया जा रहा है की अक्टूबर 2020 में 19 वर्षीय मुस्लिम युवती लापता हो गयी थी. 19 वर्षीय मुस्लिम युवती के साथ उसका एक हिन्दू दोस्त भी लापता हुआ था, इसलिए लड़की के परिवार वालों ने अपहरण का मामला दर्ज़ करवा दिया था.
अब बताया जा रहा है की 19 वर्षीय मुस्लिम युवती अपने घर वापिस आ गयी हैं. पुलिस में उसने बयान देते हुए बताया है की उसका अपहरण नहीं हुआ था बल्कि हमने आर्यसमाज मंदिर में जाकर शादी की थी. हम दोनों के बीच पिछले कई महीनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था लेकिन घर वालों को रिश्ता मंजूर न होने के चलते हमने भागने का फैसला किया था.
पुलिस ने बताया है की जिस युवक के साथ लड़की भागी थी वह बीहड़ क्षेत्र का कुलगाँव निवासी ‘आकाश सेलफोन शॉप’ चलाने वाला लड़का हैं. उसका नाम आकाश कुशवाहा है और उसकी उम्र 20 साल हैं. लेकिन यही से खेल शुरू होता हैं, नाज़रा का कहना है की मैं आकाश से बहुत प्यार करती हूँ लेकिन मेरा धर्म मुझे गैर मुस्लिम लड़के से यह सब करने की इजाजत नहीं देता.
इसलिए मैं आकाश को मुस्लिम बनने के लिए मनाती रही, मैंने हिन्दू धर्म के रिवाज़ से शादी तो की लेकिन मुझे उम्मीद थी की आकाश मेरे प्यार की खातिर मुस्लिम धर्म अपना लेगा. औरैया के एडिशनल एसपी कमलेश कुमार दीक्षित ने मीडिया को दिए बयान में कहा है की, “मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में मुस्लिम युवती ने कहा है कि वह अपनी मर्ज़ी से हिन्दू युवक के साथ गई थी. अगर हिन्दू युवक इस्लाम कबूल करता है तभी वो उसके साथ रहने के लिए तैयार होगी. अन्यथा वह अपने माता-पिता के साथ ही रहेगी. मुस्लिम युवती सोमवार (4 जनवरी 2020) को औरैया पुलिस थाने में आई थी. इसके बाद बुधवार (6 जनवरी 2020) को वह अपने परिजनों के पास वापस लौट गई थी.”
लड़की के घरवालों ने आरोप लगाया था की हमारी लड़की घर से भागते वक़्त 80000 नकद और कुछ जेवर साथ ले गयी हैं. इसीलिए पुलिस ने लड़के के खिलाफ आईपीसी की धारा 366 (विवाह आदि करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज़ किया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया हैं. हालाँकि यह मामला सीधे तौर पर लव जिहाद का है लेकिन क्योंकि इसमें पीड़ित लड़का है तो इसलिए कानून में इसका प्रावधान ही नहीं हैं.