फ़र्ज़ी किसान नेता जहां आतंकवादियों की तरह एक के बाद एक धमकी देते जा रहें हैं. वहीं असली किसान आज भी अपने खेतों में काम कर रहें हैं, इसीलिए तो हमें आज भी ताज़े फल और सब्ज़ियां मिल रही हैं. अगर 2 महीने से देश के सभी किसान आंदोलन में है तो ताज़े फल और सब्जियां कहाँ से आ रही हैं?
खैर अब मामला महाराष्ट्र राज्य किसान महासभा के सचिव अरुण बनकर का सामने आया हैं. अरुण का कहना है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की मांगों को मानना होगा और उन्हें यह बिल वापिस लेना होगा. नहीं तो उन्होंने धमकी देते हुए कहा की हम RSS का मुख्यालय और उसके प्रमुख मोहन भागवत उड़ा देंगे.
इस बयान के मीडिया में आते ही फ़र्ज़ी किसानों के खिलाफ सोशल मीडिया पर थू-थू होने लगी. साथ ही बीजेपी जिलाध्यक्ष बबला आदित्य शुक्ला की शिकायत के बाद धारा 505, 506 के तहत बैतूल कोतवाली में FIR दर्ज करवा दी. दरअसल पंजाब के फ़र्ज़ी किसान नेता 26 जनवरी को दिल्ली में बड़ा तमाशा करने की फिराख में हैं.
26 जनवरी का समय इसलिए चुना गया है क्योंकि उस समय दुनिया भर से विदेश मेहमान दिल्ली में मजूद होंगे. दुनिया भर की मीडिया दिल्ली में होगी, इनके हंगामे के बीच सरकार अगर कोई भी कार्यवाही करती है तो यह दुनिया को सन्देश देंगे की देखिये हमारी खालिस्तान बनाने की मांग सही हैं. भारत में सिखों के साथ ऐसा व्यवहार होता है, इसलिए हम अलग देश चाहते हैं.
लेकिन इस प्रदर्शन को यह किसानी रूप देकर लोगों में भ्रम पैदा कर रहें हैं. जिन मुद्दों को लेकर पंजाब के फ़र्ज़ी किसान धरने पर आये थे उन मुद्दों को लेकर सरकार बैठकर हल निकालने को तैयार हैं. MSP पर लिखित गारंटी चाहते थे वो सरकार ने मंजूर कर ली हैं, पराली जलाने वाले किसानों पर कानूनी कार्यवाही न हो यह भी सरकार ने मंजूर कर लिया, किसानों के बिजली के बिल माफ़ हो यह भी सरकार ने मंजूर कर लिया.
जब सब कुछ मंजूर हो गया तो यह फिर पहली बात पर आ गये की नहीं बिल सही नहीं है आप उसे रद्द करें. इसी से पता चलता है की फ़र्ज़ी किसान नेता दरअसल मामले को ख़त्म होने ही नहीं देना चाहते. इसीलिए अब महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों के सैकड़ों किसान, छात्र और लोग रविवार रात नागपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो गया हैं, 26 जनवरी के “ट्रेक्टर मार्च” का हिस्सा बनने के लिए.