जैसा की आप सभी जानते हैं, भारत के जितने भी विपक्षी राजनितिक दल थे उन्होंने पिछले काफी समय से वैक्सीन कहाँ हैं के नाम पर बीजेपी के खिलाफ अभियान चला रखा था. अब जैसे ही पता चला की दो भारतीय कंपनी को वैक्सीन बनाने की मंजूरी मिल चुकी हैं. विपक्ष की इस पर ओछी राजनीती शुरू हो चुकी हैं.
ऐसे में पहला बयान अखिलेश यादव का आया जिसमें उन्होंने कहा की उन्हें बीजेपी की वैक्सीन पर भरोसा नहीं हैं. जब समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी वह सबको फ्री वैक्सीन लगाएगी. जबकि समाजवादी पार्टी में ऐसा कोई साइंटिस्ट नहीं हैं जो अपनी वैक्सीन बना सके, साइंटिस्ट तो बीजेपी में भी नहीं है यह वैक्सीन भारत की दो कंपनियों द्वारा बनाई गयी है पहली भारत बायोटेक और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट. ऐसे में समाजवादी पार्टी की सरकार आती भी है तो उन्हें भी इन्हीं कंपनी से दवा खरीद कर लोगों को लगवाने पड़ेगी.
अखिलेश यादव के बाद अब कांग्रेस के शशि थरूर ने भी बयान देते हुए देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन से इस बात का स्पष्टीकरण माँगा हैं की, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxine) ने अभी फेज 3 का ट्रायल जब पूरा ही नहीं किया तो उसे अप्रूवल कैसे दी गई और यह घातक हो सकता हैं.
वैक्सीन पर राजनीती इस कदर हुई की समाजवादी पार्टी के एक नेता ने तो यहाँ तक कह दिया की वैक्सीन लेने के बाद आपको नपुंसकता आ जाएगी. इस तरह की ओछी राजनीती को देखते हुए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को बयान जारी करना पड़ा. उन्होंने बयान ने सपष्ट किया की, “वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित हैं. किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना.”
इस राजनीती से अलग बसपा की सुप्रीमो ने अपने ट्वीट से सबको चौंका दिया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा की, “अति-घातक कोरोनावायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई. साथ ही, केन्द्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा.”
लेकिन सवाल यह है की क्या राजनितिक दलों को ऐसी बयान बाजी से बचना नहीं चाहिए? क्या महामारी को लेकर बनी वैक्सीन के प्रति चंद वोटों के खातिर डर फैलाना कहाँ तक जायज़ हैं? राजनेता तो राजनेता है उसे छींक भी आ गयी तो अमेरिका पहुँच जाएगा इलाज़ करवाने लेकिन जिन गरीबों के मन में वह वोटों की खातिर डर फैला रहा है उनका क्या होगा? वह कहाँ जायेंगे?