कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को देश में कौन नहीं जानता होगा. हिन्दू देवी देवताओं का अपमान और अश्लील कॉमेडी के द्वारा लोगों को हसाने का प्रयास करना और CAA के विरोध में “मैं गुजरात से हूँ और मेरे कागज़ 2002 में जल गए थे” जैसे पोस्टर लहरा कर लोगों को CAA बिल के नाम पर भ्रमित करने जैसे विवादों में घिरे रहने वाले मुनव्वर फारूकी को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं.
मुनव्वर फारूकी के साथ-साथ 4 अन्य आरोपितों को 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया हैं. यह न्यायिक हिरासत उस समय हुई जब मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी लीगल सेल के सचिव और राज्य प्रवक्ता, वकील अंशुमन श्रीवास्तव मुनव्वर फारूकी के पक्ष में अदालत में गए. जी हाँ भगवान् राम का अपमान, देश की सांसद में बने बिल का अपमान, देश के गृह मंत्री अमित शाह का अपमान करने वाले मुनव्वर फारूकी का वकील कांग्रेस कमेटी लीगल सेल के सचिव और राज्य प्रवक्ता है.
कांग्रेस वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने इंदौर की एक स्थानीय अदालत में अपील डालते हुए इसे पार्टीगत राजनीति से प्रेरित बता डाला और मुनव्वर फारूकी के साथ अन्य 4 लोगों की रिहाई की मांग की. इसपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) अमन सिंह भूरिया ने अंशुमान श्रीवास्तव की अपील को ठुकराते हुए पुलिस को मुनव्वर फारूकी की 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत को मंजूर कर दिया.
कांग्रेस वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने इस मामले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध बताया हैं. जबकि जिन लोगों ने मुनव्वर फारूकी के खिलाफ मामला दर्ज़ करवाया है, उन लोगों का कहना है की दुनिया में एक धर्म नहीं हैं. बोलने की आजादी के नाम पर आप मोहमद पर जोक बनाइये, जीसस पर जोक बनाइये लेकिन जिस प्रकार से आप पिछले कई समय से मात्र एक ही धर्म को टारगेट कर रहें हैं, उससे यह तो साफ़ है की यह मामला बोलने की आज़ादी का नहीं बल्कि धार्मिक भावनाओं को उकसाने का हैं.
हिन्दू देवी देवताओं का कथित तौर पर मज़ाक उड़ाने के आरोप में स्टैंड अप कमेडियन प्रियम प्रखर,मुनव्वर के खिलाफ मामला दर्ज, इंदौर के तुकोगंज में मामला दर्ज, @bjp4mp विधायक @GaurMalini के बेटे एकलव्य गौड़ पर मारपीट का भी आरोप @ndtv @ndtvindia @GargiRawat @riteshmishraht @kunalkamra88 pic.twitter.com/HQiL1624as
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) January 2, 2021
यही कारण हैं की मुनव्वर फारूकी के खिलाफ और अन्य चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 269 (ऐसा लापरवाहीभरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) के तहत मामला दर्ज़ कर लिया गया हैं.