एक वक़्त था जब गरीब किसान अपनी आलू प्याज या फिर अन्य फसलों का उचित दाम न मिलने पर धरना प्रदर्शन किया करते थे. राज्यों में चुनाव ही गरीब किसान के ऊपर लडे जाते थे, फ्री बिजली देंगे, क़र्ज़ माफ़ कर देंगे, मोटर पर सब्सिडी देंगे आदि वादों के सर पर सरकार बना या फिर गिरा करती थी.
आज दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर देश के इतिहास का सबसे शाही आंदोलन हैं. इस आंदोलन को देखते हुए ऐसा लगता है की क्या सरकारों ने बेफालतू में इन लोगों को फ्री बिजली, फ्री पानी और सब्सिडी बांटी? जो खालसा ऐड इस आंदोलन में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही हैं वही खालसा ऐड चाहती तो कर्ज़दार किसान जो पंजाब में आत्महत्या कर लेते हैं उनका क़र्ज़ माफ़ करवा सकती थी, उन किसानों की बेटियों के विवाह में लगने वाला खर्च उठा सकती थी, लेकिन उससे इतनी वाहवाही मिलती?
अब बात करें राजनितिक पार्टियों की तो दिल्ली में जब दूसरी बार अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने वादा किया था की वह दिल्ली में सभी को फ्री वाई-फाई देंगे. यह वादा महज़ वादा ही रह गया, रेलवे और सरकारी संस्थानों में मोदी जी ने फ्री वाई-फाई उपलब्ध करवा दिया और अम्बानी ने JIO लाकर फ्री वाई-फाई की कमी को पूरा कर दिया क्योंकि JIO लगभग 9 महीने तक फ्री रहा था और बाद में इसकी दर बाकी कंपनीज के मुकाबले में कुछ भी नहीं थी.
लेकिन अब अरविन्द केजरीवाल ने ऐलान किया है की वह दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए फ्री वाई-फाई उपलब्ध करवा देंगे. आम आदमी पार्टी के नेता ने ऐलान किया है की, “प्रत्येक वाईफाई हॉटस्पॉट 100 मीटर का दायरा कवर करेगा. किसानों ने इलाके में इंटरनेट की सीमित उपलब्धता की शिकायत की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.”
उन्होंने आगे कहा की, “हम इसकी शुरुआत सिंघू बॉर्डर से कर रहे हैं, लेकिन मांग होने पर हम इसका विस्तार अन्य सीमाओं (जहां किसान प्रदर्शन कर रहे वहां) पर भी करेंगे तथा ऐसे और हॉटस्पॉट लगाएंगे.” बात करें किसान आंदोलन की तो आपको वहां DTH, शराब, पिज़ा, चाय, पकोड़े, खाने पीने का प्रत्येक तरह का सामान, आराम के लिए फुट-मसाज, कपडे धोने के लिए वाशिंग मशीन, सर्दी से बचने के लिए कंबल, हीटिंग पैड यहाँ तक फ्री मॉल भी उपलब्ध हैं जहाँ आप सारी जरूरत का सामान फ्री ले सकते हैं. बस घर नहीं बांटे जा रहें बाकी सब सुख सुविधाओं से लैस इस आंदोलन में अब फ्री वाई-फाई भी मिलने जा रहा हैं.