एक तरफ कांग्रेस किसान आंदोलन को पूरी तरह से भुना कर अपनी अगली राजनीती की पारी को फिर से शुरू करना चाहती हैं. वहीं कांग्रेस के गठबंधन वाली पार्टियां राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने की मांग पर अड़ गयी हैं. इसी बीच खबर आई की एक बार फिर से कांग्रेस राहुल गाँधी को लांच करने की तैयारी में जुट चुकी हैं.
अब महाराष्ट्र में कांग्रेस की साथी पार्टी शिवसेना ने UPA के चेयरपर्सन की कुर्सी के लिए सबसे अच्छा उम्मीदवार शरद पवार को बताया हैं. फिलहाल उस कुर्सी पर सोनिया गाँधी विराजमान हैं और आने वाले वक़्त में राहुल गाँधी को बैठाये जाने के कयास भी जोरो से लगाए जा रहें हैं.
अभी कुछ दिन पहले ही सोनिया गाँधी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए योजनाओं को तुरंत लागु करने के लिए आदेश दिया था. शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में छपे संपादकीय में लिखा गया हैं की, “कई विपक्षी दल हैं जो यूपीए में शामिल नहीं हैं. उन दलों को साथ लाना होगा. कांग्रेस का अलग अध्यक्ष कौन होगा, यह साफ नहीं है. राहुल गांधी किसानों के साथ खड़े हैं, लेकिन कहीं कुछ कमी लग रही है. ऐसे में शरद पवार जैसे सर्वमान्य नेता को आगे लाना होगा.”
शिवसेना का कहना हैं की किसान आंदोलन को लेकर जिस तरह की रणनीति कांग्रेस और विपक्ष ने बनाई हैं वह बिलकुल बेअसर हैं. दरअसल बिल के पास होने के बावजूद बीजेपी ने राजस्थान समेत कई राज्यों में पंचायत चुनावों में अपना परचम लहराया हैं. इससे यह तो साफ़ हैं की जो किसान आज भी अपने खेतों में काम कर रहें हैं उन्हें इस बिल से कोई दिक्कत नहीं हैं.
इसीलिए सामना में लिखा गया हैं की, “अभी जिस तरह की रणनीति विपक्ष ने अपनाई है, वह मोदी और शाह के आगे बेअसर है. सोनिया गांधी का साथ देने वाले मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल जैसे नेता अब नहीं रहे. इसलिए पवार को आगे लाना होगा.” अब देखना यह होगा की कांग्रेस का अध्यक्ष पद और UPA के चेयरपर्सन में सच में बदलाव होता हैं या फिर अंत में राहुल गाँधी को ही इस गद्दी पर बिठाया जायेगा.