पाकिस्तान ऐसा देश है जो पूरी दुनिया में सबसे समृद्ध इस्लामिक देश बनना चाहता हैं. लेकिन अभी हालत ऐसे हैं की नजाने कब यह देश दिवालिया घोषित हो जाये और चीन जिसने अपने अरबों के क़र्ज़ तले पाकिस्तान को दबा रखा है वह ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह पाकिस्तान को कंट्रोल करना शुरू कर दें.
इसके बावजूद कल पाकिस्तान ने विश्व शक्ति अमेरिका को धमकी देते हुए कहा की, “भारत पाकिस्तान पर एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग कर रहा है और यह हमला अफगान शांति समझौता पर नकारात्मक असर डाल सकता है.” यह ब्यान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दिया जो की अफगानिस्तान में तालिबान और अमेरिका के बीच में एहम कड़ी हैं.
एक तरफ पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति समझौता करवाने के लिए तालिबान से बातचीत करने का नाटक कर रहा हैं. वहीं वो दूसरी तरफ तालिबान के नाम पर ही अमेरिका को धमकी दे रहा हैं. एक वक़्त था जब पाकिस्तान खुलेआम भारत को परमाणु धमकियाँ दिया करता था और एक आज का वक़्त हैं जब पाकिस्तान अमेरिका पर भारत द्वारा हमले की योजना को ड्रॉप करने का दबाव बनाने के लिए कह रहा हैं.
अभी कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान और चीन के साथ होने वाले संभावित युद्ध को देखते हुए. भारतीय सरकार ने भारतीय सेना को 50000 करोड़ का बजट अलॉट किया हैं, यह बजट भारतीय सेना आधुनिक हथियार खरीदने के लिए इस्तेमाल करेगी. ऐसे में पाकिस्तान पहले ही आर्थिक तौर पर बुरी तरह से क़र्ज़ में डूबा हुआ हैं, वह भारत के साथ युद्ध करने के बारे में सोच भी नहीं सकता.
दूसरी तरफ अमेरिकी काँग्रेस ने भी एक अहम निर्णय में 740 बिलियन डॉलर मूल्य की रक्षा नीति विधेयक को पास कर दिया हैं. जिससे यह तो साफ़ है की अगर स्थिति युद्ध की बनी तो अमेरिका भारत के साथ मिलकर चीन पर हमला करेगा. इसीलिए राजनितिक पंडितों का कहना है की, धमकी भले ही पाकिस्तान ने अमेरिका को दी हो लेकिन धमकी लिखने वाला पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन हैं.