आज़ाद भारत में अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म होने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी ने इतिहासिक प्रदर्शन किया, जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जिसने 280 सीटों में से 75 सीटों पर जीत दर्ज़ की. इसके साथ ही 7 पार्टियों के गठबंधन वाली गुपकर गैंग को 101 सीट हासिल हुई.
गुपकर गैंग में शामिल 7 पार्टियों के नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी, पीपल्स कॉन्फ़्रेंस, CPI-CPIM, अवामी नेशनल कांग्रेस और जम्मू और कश्मीर पीपल्स मूवमेंट हैं. गुपकर गैंग का मकसद जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A को पूर्ण बहाल करना और राज्य के अलग झंडे को लागु करना हैं.
जम्मू कश्मीर में निर्दलीय उम्मदवारो को आश्चर्यजनक रूप से 66 सीटों पर जीत हासिल हुई. इस चुनाव के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार कश्मीर में अपना परचम लहराया हैं. आपको बता दें की कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी को 3 सीटें हासिल हुई हैं.
जम्मू कश्मीर जिला विकास परिषद के चुनाव कुल आठ चरणों में हुए. जिसकी शुरुआत 28 नवंबर 2020 को हुई थी, इसमें कुल 280 सीटें थी जिसमे 140 सीटें जम्मू संभाग और 140 सीटें कश्मीर संभाग में थी. जम्मू क्षेत्र में बीजेपी को 10 में से 6 जिलों में बहुमत हासिल हुआ हैं जिससे अब बीजेपी जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा और रेसाई में अपना डीडीसी चेयरमैन बनाने जा रही हैं.
कश्मीर घाटी के नतीजे बीजेपी के पक्ष में उतने भले ही न आये हों, लेकिन बीजेपी ने इतिहास में पहली बार कश्मीर में कोई चुनाव जीता हैं. श्रीनगर की खोनमोह-2, एजाज हुसैन, बांदीपोरा में एजाज अहमद खान और पुलवामा के काकपोरा से मिन्हा लतीफ के रूप में बीजेपी के तीन प्रत्याशियों ने जीत हासिल की हैं.
डोडा के गुंडना सीट पर बीजेपी ने अपने पूर्व मंत्री शक्ति सिंह परिहार को चुनाव में उतारा था लेकिन इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार असीम हाशमी ने उन्हें 1336 वोटों से हरा दिया. इंडियन नेशनल कांग्रेस के भी अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने अपने बेटे नसीर अहमद मीर को अनंतनाग जिले से चुनाव लड़वाया था और वह भी निर्दलीय उम्मीदवार पार शाहबाज अहमद से यह चुनाव हार गया.