उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में देहलीगेट क्षेत्र के झलकारी बाई नगर में रहने वाले कासिम ने स्वेच्छा इस्लाम धर्म को त्याग कर परिवार सहित हिन्दू धर्म अपना लिया. आर्य समाज मंदिर में में जाकर कासिम ने अपना शुद्धिकरण करवाया और फिर अपना नाम भी करमवीर रख लिया. यहां तक अपने बेटे अयाज़ का नाम भी बदल कर आशुतोष रख दिया.
कासिम का कहना है की मेरे पूर्वज हिन्दू थे, आक्रांताओं के डर की वजह से उन्होंने हिन्दू धर्म का त्याग कर इस्लाम अपना लिया था. ऐसे में अब मुझे लगा की वापिस हिन्दू धर्म अपना लेना चाहिए, इसलिए मैंने परिवार सहित घर वापसी कर डाली. लेकिन अब मुझे इस्लामिक कट्टरपंथियों से डर भी लग रहा हैं.
आपको बता दें की कासिम ने 2012 में एक हिन्दू महिला के साथ प्रेम विवाह किया था. उस हिन्दू महिला का नाम अनीता कुमारी था. लेकिन यह प्रेम विवाह न तो कासिम के घरवालों को पसंद था और न ही अनीता के घरवालों को, इसलिए दोनों ने भागकर यह शादी की थी.
कासिम का कहना है की मैंने कभी अनीता को इस्लाम की राह पर चलने के लिए नहीं कहा. वह हिन्दू रीति रिवाज़ो के साथ पूजा-पाठ करती और बच्चों को भी करवाती. इससे मेरी भी रूचि धीरे-धीरे हिन्दू धर्म प्रति बढ़ने लगी और अंत में मैंने सोचा मेरे पूर्वज भी तो हिन्दू ही रहे होंगे फिर मैं भी हिन्दू क्यों नहीं हो सकता.
कासिम ने कहा की फिर एक दिन मेरी मुलाकात सामाजिक कार्यकर्ता नीरज भारद्वाज एवं अन्य लोगों से हुई मैंने उन्हें कहा की मुझे हिन्दू धर्म अपनाना हैं. उसके बाद उन्होंने मुझे आर्य समाज मंदिर में जाने की सलाह दी. कासिम ने कहा की मैंने 2012 में भी अनीता से निकाह नहीं बल्कि शादी की थी, जिस वजह से मेरे घरवाले और जान पहचान के लोग मुझसे नाराज़ हो गए थे.
कासिम का कहना है की, धर्म बदलने के बाद मुझे कट्टरपंथियों की तरफ से धमकियाँ मिलनी शुरू हो गयी हैं. मैं सामाजिक कार्यकर्त्ता और प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाता हूँ. इसके साथ ही कासिम का कहना है की जिस मुस्लिम को एहसास हो की उसके पूर्वज हिन्दू थे, उसे तुरंत घर वापसी कर लेनी चाहिए.