पश्चमी बंगाल की राजनीती में दिन प्रतिदिन बड़े बदलाव हो रहें हैं. नेताओं और कार्यकर्ताओं का बीजेपी में शामिल होना दर्शाता यही की चुनाव से पहले वह बीजेपी की जीत की आहट को महसूस कर पा रहे हैं. अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया है की 21 दिसंबर को हुई आसनसोल रैली में लगभग 3800 अन्य दलों के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का हाथ थाम लिया हैं.
इससे महज़ दो दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस के शुभेंदु अधिकारी सहित 10 विधायकों और एक TMC सांसद ने बीजेपी का हाथ थामा था. दिलीप घोष ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है की, “विभिन्न पार्टियों के 3800 कार्यकर्ता आसनसोल संगठन जिले के रानीगंज में हुई रैली में भाजपा परिवार का हिस्सा बने. हम आप सब का विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल में स्वागत करते हैं. हम सब मिल कर सोनार बांगला का निर्माण करेंगे.”
2021 का साल भारतीय राजनीती के लिए हम कड़ी साबित होगा, NRC और CAA सबसे बड़ा मुद्दा पश्चमी बंगाल में हैं. ऐसे में अगर वहां बीजेपी की सरकार न बनी तो इसके लागू होने पर हिंसा हो सकती हैं. ऐसे में बीजेपी अपना पूरा दम लगा रही है की वह पश्चमी बंगाल में किसी तरह से कमल खिला सके. जिससे CAA और NRC को लागु कर बांग्लादेश और पश्चमी बंगाल के बॉर्डर को सील किया जा सके.
अप्रैल और मई के बीच होने वाले इन चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा ओवैसी की पार्टी से खतरा नज़र आ रहा हैं. दरअसल ममता बनर्जी पिछले चार साल से मुस्लिम वोटों के सहारे राज्य की राजनीती का ध्रुवीकरण बंगलादेशी मुस्लिमों पर कर रही थी. लेकिन ओवेसी ने ऐलान कर दिया की वह मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार देगा.
यानी बिहार की तरह यहां पर भी मुस्लिम वोट ओवेसी ले जायेगा, बिना मुस्लिम वोटों के तृणमूल कांग्रेस का जीत पाना अभी मुश्किल हैं. कांग्रेस और वामपंथी पहले ही इस चुनाव में कहीं नज़र नहीं आ रहे. इसलिए राजनितिक पंडितों का अनुमान है की बीजेपी 2021 विधानसभा चुनाव में कमल खिला सकती हैं, हालाँकि जिस प्रकार तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्त्ता आक्रामकता दिखा रहें हैं, उससे यह चुनाव शांतिप्रिय ढंग से होते हुए नज़र नहीं आ रहे.