कांग्रेस के दो सबसे विश्वसनीय राजदारों का निधन हो चूका हैं. जिसमें पहला नाम अहमद पटेल का तह और अब दूसरा नाम आज मोतीलाल वोरा का जुड़ गया हैं. मोतीलाल वोरा ‘नेशनल हेराल्ड’ के घोटाले में भी शामिल रहें थे और इन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनने के चर्चे भी खूब रहे थे और आखिरी समय पर फिर से सोनिया गाँधी को कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया था.
मोतीलाल वोरा की तबियत अपने जन्मदिन के दिन यानी 20 दिसंबर को ही बिगड़ गयी थी और देर रात उन्हें हॉस्पिटल भी भर्ती करवा दिया गया था. जहां आज उन्होंने अपने आखिरी सांस ली, इस खबर के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट करते हुए लिखा की, “वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है.”
मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके है और अभी वह छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी थे. मोतीलाल वोरा ने 2018 तक 16 वर्षों के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सँभालते हुए काम किया. सोनिया गांधी ने मोतीलाल वोरा जी की उम्र को देखते हुए यह पद 2018 में अपने दूसरे विश्वसनीय नेता अहमद पटेल को दे दिया था.
अहमद पटेल अक्टूबर 2020 में ही कोविड -19 पॉजिटिव पाए गए थे और 25 नवंबर को उनका देहांत हो गया था. आपको 1995 के यूपी के कुख्यात गेस्ट हाउस कांड याद हैं? जहां समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की थी? दरअसल उस समय उत्तर प्रदेश के गवर्नर मोतीलाल वोरा ही थे.
2019 में जब राहुल गांधी ने यह कहते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष पद का त्याग किया था की अब गैर गांधी को इस पद को संभालना चाहिए. उस वक़्त मोतीलाल वोरा का ही नाम सबसे ज्यादा मीडिया में उछाला गया था, यह बिलकुल ऐसे था जैसे 2004 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रणब मुखर्जी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए उछाला गया था. अंत में मोतीलाल वोरा जी का भी यही हाल हुआ मीडिया की रिपोर्ट्स महज़ अफवाह निकली और सोनिया गांधी दुबारा अध्यक्ष पद के लिए चुनी गयी.