पश्चमी बंगाल की राजनीती में बड़ा उलटफेर चल रहा हैं, तृणमूल कांग्रेस से जुड़े नेता एक के बाद एक पार्टी को इस्तीफ़ा सौंपते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं. जैसा की आप जानते होंगे ममता बनर्जी का दाया हाथ कहे जाने वाले सुवेंदु अधिकारी भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है की, सुवेंदु अधिकारी अकेले ही बीजेपी में नहीं आये वह अपने साथ कई सांसद, विधायक और लगभग 50000 कार्यकर्ताओं को बीजेपी में लेकर आये हैं. इन्होने अमित शाह की मजूदगी में मेदनीपुर में बीजेपी की सदस्यता ली हैं. जब कैलाश विजयवर्गीय से पूछा गया की सुवेंदु अधिकारी अपने साथ कितने लोगों को बीजेपी में लेकर आये हैं.
इसपर कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए बताया की, “उनके साथ कई सांसद, विधायक और जिला पंचायत के प्रतिनिधि शामिल होंगे, उन्होंने कहा क़ी 50 हजार लोगों के साथ जॉइन करेंगे.” आपको शायद पता न हो लेकिन पश्चमी बंगाल में विधानसभा की 35-40 सीटों पर सुवेंदु अधिकारी का ही दबदबा हैं.
इसीलिए मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पश्चमी बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही तृणमूल कांग्रेस अपना बहुमत खो सकती हैं. इनकी वजह से ही तृणमूल कांग्रेस पश्चमी बंगाल में जीत सकी थी और पिछले विधानसभा चुनाव में भी सुवेंदु अधिकारी ने ही तृणमूल कांग्रेस की जीत में एहम भूमिका अदा की थी.
पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने मीडिया के सामने यह दावा की है की चुनाव से पहले ही तृणमूल कांग्रेस के 60-65 विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेंगे. यह सब जनवरी के महीने में होगा और हमारी कोशिश रहेगी की ममता की सरकार विधानसभा चुनाव से पहले ही अल्पमत में आ जाये.
पार्टी में मचे घमासान से ममता बनर्जी भी चिंता व्यतीत कर रही हैं और यही कारण हैं की शुक्रवार (18 दिसंबर, 2020) को पार्टी के नेताओं के साथ आपातकाल बैठक बुलाई थी. दरअसल जो भी नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं वह पिछले काफी समय से नाराज़ थे. ममता बनर्जी ने अपने आस पास ऐसे लोगों को बैठा रखा था जिससे उनका संवाद पार्टी के नाराज़ लोगों से ख़त्म हो गया और अब वह नाराज़गी इस्तीफों के रूप में सामने आने लगी हैं.