जब रुबिका लियाकत ने आप के संजय सिंह को दिखाई लाइव टीवी पर औकात

राजनीती से दिलचस्प और मसालेदार स्क्रिप्ट से भारतीय टीवी शो भी मुकाबला नहीं कर सकते. यही कारण हैं की 2017 पंजाब विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्टो और 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मेनिफेस्टो में जिस कृषि सुधार कानून के बिलों का जिक्र था जब वह मोदी सरकार ने लागू किये, तो इसका विरोध शुरू हो गया.

जिस पंजाब में यह कानून लागु ही नहीं हुए, उस पंजाब के किसान दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही अपने अपने मेनिफेस्टो का जिक्र करने से कतरा रही हैं. वही पंजाब की कांग्रेस सरकार गल्फ देशों को इस बिल के फायदे बताते हुए उन्हें पंजाब में फ़ूड प्रॉसेसिंग प्लांट लगाने का न्योता दे रही हैं.

इसका खुलासा भी तब हुआ जब Gulf News की वेबसाइट में इस बिल को लेकर एक लेख छपा. गौरतलब है की भारतीय मीडिया और किसी नेता ने इस लेख का जिक्र नहीं किया, बल्कि वह यह साबित करने में लगे हुए है की बिल किसानों के खिलाफ हैं. किसान बिल को लेकर टीवी चैनल्स पर भी रोज़ाना बहस चल रही हैं.

ऐसे में 18 दिसंबर को आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और रुबिका लियाक़त के बीच इस बिल को लेकर तीखी बहस चल रही थी. उस समय रुबिका लियाक़त ने आम आदमी पार्टी के उस मेनिफेस्टो का जिक्र किया जिसमें यह कानून बनाने का वादा किया गया था.

इस शो का शीर्षक ही “मोदी के किसान सम्मेलन से दूर होगा ‘कन्फ्यूजन’?” रखा गया था, इस दौरान रुबिका लियाकत ने संजय सिंह से पूछा की आम आदमी पार्टी आखिर किसकी गोद में बैठी हुई हैं? दरअसल रुबिका लियाक़त ने संजय सिंह से सवाल पूछते हुए कहा था की दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल ने इस बिल को नवंबर 23, 2020 को नोटिफाई कर लागू क्यों किया.

अगर आम आदमी पार्टी इसके बिल के खिलाफ थी तो लागू न करती. इसपर संजय सिंह ने रुबिका लियाकत पर मोदी की पैरवी करने का इल्जाम लगा दिया और उनके न्यूज़ चैनल को अंबानी, अडानी के हाथों बिका हुआ बताने लगे. ऐसे में रुबिका लियाकत ने आम आदमी पार्टी का पंजाब विधानसभा चुनावों का मेनिफेस्टो दिखाया जिसमें लिखा था की, “पंजाब AAP दे नाल. कृषि क्षेत्र को प्रभावी बनाने के लिए प्राइवेट इन्वेस्टमेंट.”

फिर रुबिका लियाकत ने बोला पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान आप किसकी गोद में बैठे हुए थे? अंबानी और अडानी की पैरवी तब कौन कर रहा था? उस वक़्त अंबानी और अडानी की वकालत कौन कर रहा था? अगर आपने यह मेनिफेस्टो गलत छपवाया तो भी बताये अगर सही छपवाया था तो फिर अब विरोध क्यों?

About dp

Check Also

3GB प्रतिदिन डाटा के साथ यह रिलायंस जिओ के कुछ सस्ते प्लान, पढ़ें पूरी खबर

नए साल के अवसर पर सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने अपने ग्राहकों को लुभाने की कोशिश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *