49 साल यह बहुत ही लम्बा समय होता है एक वैवाहिक जीवन व्यतीत करने के लिए. लेकिन क्या हो अगर आपको पता ही न हो की आपका पति जीवित है या नहीं. ऐसा ही हुआ पंजाब के शहर जालंधर में रहने वाली सत्या देवी को. राष्ट्रपति कार्यालय से उन्हें लिखित में बताया गया हैं की उनका पति जिन्दा हैं और पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.
आपको बता दें की जिस भारत ने पाकिस्तान की 90000 से ज्यादा सेना को बिना किसी समझौते के तहत वापिस कर दिया था. वही भारत उसी जंग में पाकिस्तान की तरफ गिरफ्तार हुए भारतीय सैनिकों के लिए आवाज़ नहीं उठा पाया. नतीजा यह हुआ की 1971 की जंग में जो सैनिक पाकिस्तान की जेल में बंद थे, उनमें से ज्यादातर आज भी वहीं बंद हैं.
उनमे से ही एक थे जालंधर में रहने वाले मंगल सिंह जिन्हें 1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना ने गिरफ्तार कर लिया था. बताया जाता है की मंगल सिंह की उम्र तब महज़ 27 साल की थी और उनके बड़े बेटे की उम्र 3 साल और छोटे बेटे की उम्र 2 साल थी. सत्या देवी ने कहा की लोग मुझे कहते थे की वो मर चूका हैं, अब कभी वापिस नहीं आएगा.
लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी, मैंने मुश्किल से अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया उनकी शादी की. इस दौरान अब लगभग 5 दशक बाद भी मुझे उम्मीद हैं की वह वापिस आएंगे. सत्या देवी ने कहा राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जो पत्र आया हैं, उसमें साफ़ लिखा गया है की हम पाकिस्तान सरकार से बातचीत करते हुए मंगल सिंह को जल्द से जल्द भारत लाने का प्रयास कर रहें हैं.
आपको बता दें की 1971 में एक दिन सेना को टेलीग्राम मिला की पानी के रास्ते बांग्लादेशी बंधकों को जो सेना की टुकड़ी उन्हें भारत ला रही थी उनकी नांव बीच समंदर में डूब गयी हैं. इसी नाव में मंगल सिंह भी थे और फिर 1972 में जब रावलपिंडी रेडियो में मंगल सिंह ने अपने ठीक होने की खबर की पुष्टि की उसके बाद से ही सेना और परिवार सरकार का चेहरा देखने लगे.