CAA का विरोध प्रदर्शन करने वाले भारतीय मुस्लिमों को सऊदी अरब ने बड़ी संख्या में देश से निकाल दिया हैं. यह लोग शाहीन बाग़ से प्रेरित होकर खाड़ी देशों में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिससे खाड़ी देश धर्म के नाम पर भारतीय सरकार पर दबाव बना सके. लेकिन इसके उलट सऊदी अरब ने उन्हें देश से निकाल कर वापिस भारत को सौंपने का फैसला कर लिया.
शायद आपको पता न हो लेकिन सऊदी अरब की दूसरी वाणिज्यिक राजधानी मानी जाने वाली जेद्दाह में प्लाकार्ड्स लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. यह प्रदर्शन सार्वजनिक स्थानों पर चला था, सऊदी अरब की बात करें तो वह अब आपने यहाँ कट्टरवाद ख़त्म करने में लगी हुई हैं.
सऊदी अरब ने CAA और NRC को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया था. ऐसे में जब सऊदी अरब में विरोध मार्च निकाला गया तो सरकार के कहने पर पुलिस ने सभी विरोध करने वालों को गिरफ्तार कर लिया. अब उन लोगों को भारत भेजने की कानूनी प्रक्रिया को ख़त्म करते हुए, पूरी तैयारी कर ली गयी हैं.
सऊदी अरब दुनिया के उन देशों में शुमार हैं जहां आप बोलने की आज़ादी के नाम पर भीड़ जुटाकर नारेबाजी नहीं कर सकते. जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सऊदी अरब ने आपने कानून बनाये हुए हैं. आप अपनी बात मनवाने के लिए दूसरे नागरिकों को परेशान नहीं कर सकते. इसी कानून के तहत सऊदी अरब ने इन मुस्लिमों को गिरफ्तार कर भारत भेज दिया.
यहां तक की जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर भी भड़काऊ बयान देते हुए पोस्ट किया था. सऊदी अरब ने उन लोगों पर भी कार्यवाही करते हुए कुछ हफ्तों की जेल तो कुछ लोगों को जुर्माना लगाया था. इससे पहले खबर चली थी की सऊदी अरब ‘कश्मीर ब्लैक डे’ मना रहा हैं, जबकि सऊदी अरब सरकार ने रियाद में मौजूद दूतावास और जेद्दाह स्थित वाणिज्य दूतावास के जरिये साफ़ किया की हमने ऐसा कोई आयोजन नहीं किया.