महामारी और किसान आंदोलन के बीच 26 जनवरी की परेड को ख़ास बनाने के लिए बीजेपी सरकार ने अपनी तैयारी जोर शोर से करने की तैयारी शुरू कर दी हैं. इससे जुडी हुई सबसे पहली खबर आ रही हैं की, गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड के जरिये अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के दर्शन पूरी दुनिया कर सकेगी.
बताया जा रहा है की उत्तर प्रदेश की तरफ से जो झांकी निकाली जाएगी वह अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर का ही एक मॉडल होगा. इस झांकी में उत्तर प्रदेश में होने वाले दिवाली के मौके पर दीपोत्सव को भी दर्शाया जायेगा. आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही राम मंदिर में काम शुरू हो गया था.
महामारी के के चलते इस काम की रफ़्तार बेहद धीमी पड़ गयी थी, इसके साथ ही जिन गुलाबी पत्थरों से श्री राम मंदिर का निर्माण होना था. उसको कांग्रेस की सरकार ने कुछ समय के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया था. इन सबके बावजूद दिसंबर महीने में श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा हैं.
दिवाली पर होने वाले दीपोत्सव की बात करें तो इस साल सरयू तट के किनारे 5 लाख से अधिक दीपों को जलाया गया था. इस भव्य और खूबसूरत नज़ारे के दर्शन भी कुछ लोग ही कर पाए थे, लॉकडाउन की वजह से लोगों के यहां आने पर प्रतिबंध लगाया गया हुआ था. ऐसे में इस दीपोत्सव को वर्चुअल तरीके से लोगों ने देखा.
आपको बता दें की जब से योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से ही अयोध्या में दीवाली के मौके पर दीपोत्सव मनाया जाने लगा हैं. इस दीपोत्सव को लेकर विपक्ष और वामपंथ ने सवाल भी उठाये थे लेकिन योगी आदित्यनाथ जी ने उनकी परवाह किये बगैर इसे जारी रखा और पिछले 4 सालों से यह जारी हैं.
राम मंदिर निर्माण की बात करें तो कई संतों ने इसके लिए अपने प्राणों की आहुति दी हैं, कुछ ने जेलों में सज़ा काटी. यहां तक की बीजेपी के ही मुख्यमंत्री को 1992 में अपना पद त्यागना पड़ा था. इसके इलावा कोठारी बन्धुवों का बलिदान आखिर कौन भूल सकता हैं? बाबरी मस्जिद का ताला तोड़े जाने के लगभग पांच दशक के बाद जाकर मंदिर के पक्ष में यह फैसला आया हैं. जिसके निर्माण की झांकी अब पूरी दुनिया 26 जनवरी को देखिगी.