राजनीती में सबकुछ संभव हैं, केवल कार्यकर्त्ता ही आपस में मनमुटाव करते हैं. जबकि राजनेता मौका देखते ही गठबंधन करने से परहेज़ नहीं करते. ऐसा ही हुआ राजस्थान में हुए 20 जिलों में हुये जिला प्रमुख चुनाव के दौरान कांग्रेस और बीजेपी गठबंधन में आ गए और कांग्रेस ने अपने साथी दल के प्रत्याशी को हरवा दिया.
आपको बता दें की, भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) राजस्थान में कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं. लेकिन डूंगरपुर जिला प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के प्रत्याशी को समर्थन देने की बजाए बीजेपी के ही प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया. नतीजा भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) का प्रत्याशी चुनाव हार गया और बीजेपी का प्रत्याशी यह चुनाव जीत गया.
इसी सन्दर्भ में भारतीय ट्राइबर पार्टी (BTP) के नेता छोटीभाई वासवा ने मीडिया को एक बयान देते हुए कहा की, “बीजेपी-कांग्रेस एक है. राजस्थान में गहलोत सरकार से बीटीपी अपना समर्थन वापस लेगी.” भारतीय ट्राइबर पार्टी (BTP) के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कई खुलासे किये.
उन्होंने अपने बयान में कहा की, “कांग्रेस और बीजेपी दोनों का असली चेहरा सामने आ गया है. दोनों एक ही हैं. हम राज्य की गहलोत सरकार से अपने रिश्ते खत्म कर रहे हैं. बता दें, राजस्थान में बीटीपी के दो विधायक हैं, जिन्होंने गहलोत सरकार पर संकट के समय और राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस का साथ दिया था.”
डूंगरपुर जिला परिषद के जिला प्रमुख पद के चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) शुरू से ही मजबूत स्थिति में नज़र आ रही थी. यह चुनाव इतना नजदीक था की मात्र एक वोट के अंतर से बीजेपी की सूर्या अहारी ने बीटीपी समर्थित पार्वती देवी डोडा को हरा दिया.
भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) का कहना है की, जिला प्रमुख चुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारा नहीं और बीजेपी ने भी अपना प्रत्याशी निर्दलीय के तौर पर उतार दिया. हमने अपना प्रत्याशी अपनी पार्टी के झंडे के तले उतारा था और नतीजा यह हुआ की बीजेपी और कांग्रेस के इस तालमेल में हमारा प्रत्याशी मात्र एक वोट से हार गया.