बंगाल में लोकतंत्र के क्या हालात हैं, वह किसी से छुपे हुए नहीं हैं. विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और बीजेपी बंगाल में कड़ी टक्कर देते हुए नज़र आ रही हैं. कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी का चुनाव लड़ना तृणमूल कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी हैं. याद रहे ओवैसी की पार्टी बिहार में जीत नहीं सकी थी, लेकिन मुस्लिम वोट इतने काटे थे की बिहार में विपक्ष भी जीत नहीं सका था.
ऐसे में बीजेपी अब बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करने के मकसद से चुनाव लड़ रही हैं. इसी कर्म में जेपी नड्डा बंगाल के दौरे पर हैं और जब वह 24 परगना जाने के लिए डायमंड हार्बर से गुजर रहे तो TMC कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर पत्थरों से हमला कर दिया.
इस हमले को लेकर सबसे पहले मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए जेपी नड्डा ने कहा की, “हमारे काफिले में एक भी ऐसी कार नहीं जिस पर हमला न किया गया. मैं सुरक्षित हूं क्योंकि मैं बुलेटप्रूफ कार में यात्रा कर रहा था. पश्चिम बंगाल में अराजकता और असहिष्णुता की इस स्थिति को समाप्त करना है.”
इसके बाद बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा की, “प. बंगाल में भाजपा के मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के काफिले पर हिंसक हमला अक्षम्य व निंदनीय है. यह हमला तृणमूल कांग्रेस की आगामी चुनावों में संभावित हार से उपजी हताशा का प्रतीक है. यह घटना लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली है, दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए.”
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने भी अपने ट्वीटर अकाउंट पर इसकी निंदा करते हुए लिखा की, “बंगाल में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के क़ाफ़िले पर हमला – बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह खत्म होने का सबूत है. इसकी हम भर्त्सना करते हैं. ममता बनर्जी को अब सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं. वैसे भी जनता उनको बेदखल कर देगी.”
लेकिन लोकतंत्र की दुहाई देने वाले किसी भी वामपंथी पत्रकार या फिर राजनेता इस हमले की आलोचना नहीं की. ऐसा कौनसा लोकतंत्र हैं जिसमें बीजेपी राज में अगर घोड़े की टांग भी टूट जाये तो लोकतंत्र की हत्या हो जाती है और तृणमूल कांग्रेस के राज़ में दुनिया की सबसे बड़ी सियासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर हमला भी तो कोई निंदा तक नहीं करता.