भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊपर जब से मोदी सरकार बनी हैं सोशल मीडिया पर वह लोग काफी जागरूक होते हुए दिखाई दिए हैं. जीडीपी की एक-एक प्रतिशत के ऊपर लोग अपने विचारों को व्यक्त करते हैं. इसके साथ ही अब विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ और भारतीय वित्त मंत्रालय द्वारा यह साफ़ कर दिया गया हैं की 2021 का साल भारतीय व्यवस्था के लिए सबसे एहम साल होने जा रहा हैं.
अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विश्लेषण संस्था NOMURA ने अपने एक रिपोर्ट साझा करते हुए बताया हैं की, “भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में सबसे तेज यानी करीब 9.9% की जीडीपी दर से दौड़ सकती हैं, जबकि चीन की 9 और सिंगापुर जैसे देश की जीडीपी की रफ्तार करीब 7.5 प्रतिशत तक रह सकती है.”
नोमुरा की मैनेजिंग डायरेक्टर भारतीय हैं जिनका नाम सोनल वर्मा हैं. वह अपनी इस रिपोर्ट में आगे लिखते हैं की, “हम 2020 में –7 फीसदी की रफ्तार वाली जीडीपी के सुधारों को लेकर अनुमान लगा सकते हैं कि वित्तीय वर्ष 2021 की पहली तिमाही में जीडीपी की दर –1.2 रहेगी जो कि दूसरी तिमाही में धमाका करते हुए 32.4 फीसदी तक जाएगी. वहीं तीसरी तिमाही में ये रफ्तार करीब 10 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.6 की गति से आगे बढ़ेगी. इसके चलते औसतन अनुमान के मुताबिक 2021 में भारतीय जीडीपी करीब 9.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी.”
इससे पहले मीडिया को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 27 अक्टूबर को कहा था की, “भले ही इस समय जीडीपी नकारात्मक या निकट शून्य में दिख रही है, लेकिन अगले वर्ष बहुत स्पष्ट रूप से भारत सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा. इसके संकेत भी मिलने लगे है क्योंकि प्राथमिक क्षेत्र, कृषि के संबंधित क्षेत्र, और ग्रामीण भारत के कारण जीडीपी में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.”
आपको बता दें की इसके लिए कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार कर रही हैं. इससे पहले इस योजना का लाभ केवल और केवल कृषि को सब्सिडी और प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को ही दिया जाता था.