कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया था. इस भारत बंद में किसान तो नज़र नहीं आये लेकिन राजनैतिक पार्टियों के कार्यकर्त्ता जरूर अपना झंडा लिए हुए लोगों की दुकानों को जबरदस्ती बंद करवाते हुए नज़र आये. ऐसे में साफ़ था की लोग भारत बंद के खिलाफ थे, अगर वह साथ होते तो दुकाने वह खुद बंद करते न की जबरदस्ती करवाई जाती या फिर डर के मारे करते.
भारत बंद का आईडिया फ्लॉप होने के बाद कांग्रेस ने किसानों के सपोर्ट में एक ट्वीट पब्लिश किया. इस ट्वीट में भारत का नक्शा मजूद था और उस नक़्शे में भारत के वह हिस्से गायब थे जिन्हें नेहरू ने पाकिस्तान और चीन के हाथों में गवा दिया था. इस नक़्शे में अक्साई चीन और POK को गायब कर दिया गया था. ऐसे में सवाल यह उठता है की चीन को लेकर लम्बा लम्बा भाषण देने वाले राहुल की पार्टी क्या यह मान चुकी है की POK और अक्साई चीन भारत का हिस्सा नहीं हैं?
खैर राष्ट्रवादी लोगों ने कमेंट में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ खूब कमेंट किये और कांग्रेस को भी कुछ देर बाद एहसास हो गया की उन्होंने क्या गलती की हैं. ऐसे में चुपके से कांग्रेस ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया और इसके लिए कोई माफ़ी भी नहीं मांगी. इस ट्वीट में जो फोटो डाला गया था उसमें लिखा गया था की, “भारत किसानों के साथ है, मोदी अंबानी के साथ हैं.”
लेकिन यह पहली बार ऐसा नहीं हुआ आपको बता दें की तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को ‘लिबरल-सेक्युलर’ मीडिया भारत के इंग्लिश सब्जेक्ट का पोस्टर बॉय मानता हैं. उन्होंने भी 2019 में ‘भारत बचाओ आंदोलन’ के नाम पर एक ट्वीट शेयर करते हुए चीन और पाकिस्तान को खुश करने के लिए भारत का नक्शा ही छोटा कर दिया था.
कांग्रेस की धारणा रही है की हमें जमीन चाहिए या फिर लोग. इसके बारे में एक राष्ट्रवादी ने लिखा की कांग्रेस को लोग चाहिए थे इसलिए पाकिस्तान, बांग्लादेश, रोहिंगिया और यहाँ तक की ईरान के भी शरणार्थियों को भी अपने देश में शरण दी. लेकिन कांग्रेस को जमीन से लगाव नहीं था इसलिए पहले पाकिस्तान, कश्मीर, अक्साई चीन और फिर बांग्लादेश को जीतकर अलग राष्ट्र बनवा दिया. यहां तक की नेपाल ने जब भारत में विलय का प्रस्ताव दिया था तो नेहरू ने उसे भी ठुकरा दिया था.