किसान आंदोलन किसी प्रयोजित कार्यकर्म से कम नज़र नहीं आता. जिसके तार खालिस्तान और शाहीन बाग से जुड़े हुए हैं, इसकी वजह यह है की सरकार जब कानून लेकर आयी थी तो किसान नेताओं के बीच इस कानून से जुड़े कुछ सवाल थे. सरकार उन्हें दिल्ली आने का निमंत्रण देती रही लेकिन किसान नेता पंजाब में अड़े रहे और सरकार को पंजाब आने के लिए कहते रहे.
मामला जोर पकड़ते दिखा तो पंजाब की सरकार ने इस बिल को पंजाब में लागु न करने के लिए एक कानून बना दिया. यानी इस बिल को पंजाब में लागु ही न किया गया और एक दिन खबर आई की पंजाब के किसान दिल्ली में अपनी बात रखने के लिए जंतर मंतर पर धरना देना चाहते हैं.
जब पंजाब में कानून लागु ही नहीं हुआ तो इसके विरोध में धरना क्यों? खैर इसके बाद किसान नेताओं ने सरकार से वार्तालाप करने का भी फैसला किया, वार्तालाप के बीच में किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया. तो क्या किसान पहले से सोचकर आये थे की यह वार्तालाप विफल होगी?
इन सबके बावजूद अब पंजाब में अवार्ड वापसी गैंग सक्रिय हो गयी हैं, एक के बाद एक खिलाड़ी और राजनेता अपने अवार्ड वापिस कर रहें हैं. हालाँकि अवार्ड के साथ मिली राशि को कोई व्यक्ति वापिस नहीं कर रहा. ऐसे में बॉलीवुड की जानी-मानी अदाकारा कंगना रनौत ने ऐसा बयान दिया है जिससे खालिस्तानी समर्थकों को मिर्ची लगना तय हैं.
कंगना रनौत ने अपने ट्वीटर पर लिखा की, “हर साल हजारों किसान आत्महत्या करते हैं, हम दुनिया की रोटी की टोकरी हैं, लेकिन हमारे किसान सबसे गरीब हैं, हर साल मैं सुधारों के लिए किसानों द्वारा सैकड़ों हड़तालें पढ़ती और देखती हूं, अगर साहब इतने संतुष्ट हैं मौजूदा संरचना से तो आत्महत्या और स्ट्राइक्स कौन करता है?”
कंगना का यह ट्वीट किसान नेता के उस इंटरव्यू पर आया जिसमें वह कह रहे थे की, “कल, हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है: भारतीय किसान यूनियन के महासचिव, एचएस लखोवाल.”