कांग्रेस का हिस्सा रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) केंद्र और महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के गठबंधन में रही हैं. इसके इलावा महाराष्ट्र में माजूदा सरकार भी कांग्रेस और राकांपा के गठबंधन का ही नतीजा हैं. ऐसे में अगर शरद पवार राहुल गांधी की क्षमता पर सवाल खड़े करते हैं तो इससे यह सन्देश तो साफ़ जाता है की कांग्रेस 2024 में फिर एक बार प्रधानमंत्री पद का चेहरा सामने लाने से कतराएगी.
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी महागठबंधन में मजूद प्रत्येक पार्टी अपने नेता को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताने में लगी थी. जिस वजह से देश की जनता ने मोदी जी के नाम पर ही मोहर लगाना सही समझा था. अभी 2024 दूर हैं उसके बावजूद अगर गठबंधन में मजूद पार्टियां अभी से ही राहुल गांधी को लेकर सवाल खड़े करते हैं तो 2024 में वह उन्हें अपना प्रधानमंत्री पद का उमीदवार घोसित करेंगे?
अभी शरद पवार ने बयान देते हुए कहा है की मुझे राहुल गांधी में ‘निरंतरता’ की कमी नज़र आती हैं. इससे पहले जब चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी चीनी सेना को लेकर झूठी बयानबाजी कर सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. तब भी शरद पवार ने बयान जारी करते हुए कहा था की राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीती करना उचित नहीं होता.
हालाँकि शरद पवार ने ओबामा द्वारा उठाये गए सवालों पर आप्पति जताई जिसमे ओबामा ने अपनी किताब में उठाते हुए कहा था की, “राहुल गाँधी शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उस उत्सुक छात्र की तरह लगते हैं जिसमें विषय में महारत हासिल करने के लिए योग्यता और जुनून की कमी है.” शरद पवार ने कहा की यह जरूरी नहीं की हम सभी के विचारों को स्वीकार कर लें.
पवार ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा की, “मैं अपने देश के नेतृत्व के बारे में कुछ भी कह सकता हूँ. लेकिन मैं दूसरे देश के नेतृत्व के बारे में बात नहीं करूँगा. सभी को उस सीमा को बनाए रखना चाहिए. मुझे लगता है कि ओबामा ने उस सीमा को पार कर लिया. कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी और उनके परिवार के साथ मेरे मतभेद हैं, लेकिन आज भी कांग्रेसियों में गाँधी परिवार के प्रति स्नेह की भावना है.”