रजनीकांत और उनके द्वारा राजनीती में कदम रखने की अटकलें काफी सालों से चली आ रही हैं. साउथ में वैसे भी अब सभी बड़े नेता भगवान् के पास जा चुके हैं, ऐसे में रजनीकांत के पास इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता. इसलिए अब उन्होंने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए बयान दिया हैं की वह 31 दिसंबर को अपनी बहुप्रतीक्षित राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे.
रजनीकांत ने कहा की 31 दिसंबर की घोषणा के बाद वह जनवरी में अपनी पार्टी को लॉन्च करेंगे और जमीनी स्तर पर पार्टी का काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने यह घोषणा मंच रजनी मक्कल मंद्रम के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाक़ात करने के बाद की हैं. रजनीकांत ने अपनी पार्टी का नारा देते हुए ट्वीट किया की, “चलें अब सब कुछ का बदलाव करें, अभी नहीं तो कभी नहीं.”
अपने अगले ट्वीट में रजनीकांत कहते हैं की, “आगामी विधानसभा चुनावों में हमारी निश्चित रूप से जीत होगी. हम लोगों को एक पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और बिना किसी धार्मिक-जातिगत भेदभाव वाली सरकार देंगे.” रजनीकांत कई सार्वजानिक मंचों पर तमिलनाडु में लोगों को एक वैकल्पिक राजनीति पार्टी देने का अपना विचार साझा कर चुके थे.
इसकी तैयारियां भी पिछले कई सालों से चल रही थी, लोकसभा 2019 के चुनाव में भी माना जा रहा था की रजनीकांत अपनी पार्टी के प्रत्याशी तमिलनाडु में उतार सकते हैं. लेकिन उन्होंने सीधा लोकसभा चुनाव लड़ने से बेहतर पहले विधानसभा चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझा.
आपको याद होगा की दिल्ली में जब पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार कांग्रेस के गठबंधन से बनी थी तो आम आदमी पार्टी ने अपनी इस जीत को लोकसभा चुनावों में भुनाने के लिए 2014 में देश भर में अपने प्रत्याशी उतार दिए थे. लेकिन आम आदमी पार्टी के केवल 4 प्रत्याशी ही पुरे देश में जीत हासिल कर सके थे. उसके बाद दिल्ली में दुबारा जीत हासिल हुई लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में फिर मात्र 1 सीट ही जीत पाए.
ऐसे में रजनीकांत का लोकसभा से पहले विधानसभा में चुनाव लड़ने का फैसला बिलकुल सही लगता हैं. क्योंकि कई बार राज्य और केंद्र के मुद्दों पर नागरिकों की अलग अलग राय होती हैं, जैसा की हम पिछले 3 विधानसभा चुनावों में दिल्ली में देख चुके हैं. एक तरफ बीजेपी लोकसभा में एक तरफ़ा जीत हासिल करती है तो विधानसभा में एक तरफ़ा हार का सामना करना पड़ता हैं.