कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के ट्वीट ने कांग्रेस के लिए परेशानियों को और बढ़ा दिया था. दरअसल कांग्रेस 2014 के बाद से ही अपने किसी भी मंसूबे में कामयाब होती नज़र नहीं आई. पार्टी की कमान राहुल गाँधी से सोनिया गाँधी के पास तो गयी लेकिन चुनावों में कांग्रेस को इस कुछ ख़ास लाभ होता नज़र नहीं आया.
यही कारण हैं की अब कांग्रेस नेता अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोले हुए बैठे हैं. इसी कड़ी में जब आनंद शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा की, “यह कार्य अकेले ही फ्रंट लाइन वॉरियर का मनोबल बढ़ाएगा और देश के लोगों को भरोसा दिलाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक संस्थाओं का सम्मान किया है, जिन्होंने पिछले कई दशकों में भारत को दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के रूप में क्षमता प्रदान की है. प्रधानमंत्री मोदी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वैक्सीन आने के साथ-साथ एक कुशल और उचित प्लेटफॉर्म भी तैयार होगा, जिससे देश के आम लोग लाभान्वित होंगे.”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के इस ट्वीट के साथ ही पार्टी में हड़कंप मच गया और आनंद शर्मा को बाद में इसपर सफाई देने का दबाव बनाया गया. जिस वजह से उन्होंने दुबारा एक ट्वीट करते हुए लिखा की, “पहले किए गए ट्वीट में हुई गलती के लिए खेद प्रकट करता हूँ, जिसमें कुछ पंक्तियाँ मिसप्लेस (आगे-पीछे) हो गई थीं. इसकी वजह से लोगों के बीच भ्रम भी पैदा हुआ, मूल ट्वीट कुछ इस प्रकार है.”
आनंद शर्मा के ठीक एक दिन पहले कांग्रेस के ही एक नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा था की, “काश प्रधानमंत्री मोदी विमान से उड़ने की जगह किसानों से संवाद करते. कोरोना वायरस की वैक्सीन का निर्माण वैज्ञानिकों को करना है, किसानों पर देश को खिलाने की जिम्मेदारी है लेकिन मोदी जी और भाजपा नेता सिर्फ प्रचार पर ही टिके हुए हैं.”
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अहमदाबाद में जाईडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया में जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वैक्सीन के विकास और निर्माण प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा की थी.