अभी अभी खबर आ रही है की पंजाब और हरियाणा से दिल्ली की तरफ आ रहे किसानो को टिकरी, सिंघू समेत कई बॉर्डर्स पर रोका जा रहा है. ऐसे में अब झड़प होने की खबरें आ रही हैं, किसान पुलिस वालों पर पत्थर फेंक रहें हैं और पुलिस वाले किसानों पर आंसू गैस और वाटर कानेन का इस्तेमाल कर रही हैं.
इससे पहले हरियाणा की सरकार ने पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर को बंद किया था. लेकिन पंजाब के किसानो ने यह नाका तोड़ दिया था क्योंकि पंजाब के किसानों को हरियाणा के किसानो का साथ मिल गया था. ऐसे में पुलिस प्रशासन दोनों तरफ से घिर गया और पंजाब के किसानो को हरियाणा क्रॉस करने में मदद मिल गयी.
वहीं पंजाब के विधायक परमिंदर ढींडसा, सुखपाल खेरा और राजा वारिंग को पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब रही. जबकि अब यह किसान दिल्ली में दाखिल होना चाहते हैं. बताया जा रहा है की शंभू सीमा के पास भीड़ को नियंत्रित के लिए जो पुलिस बल तैनात है उस पर किसानों ने पत्थर फेंके हैं. पुलिस अधिकारीयों का कहना है की लगभग 300000 से ज्यादा लोग दिल्ली में दाखिल होना चाहते हैं.
बताया जा रहा है की कुल 33 किसान संगठनों ने हरियाणा और पंजाब के किसानों को एकत्रित किया है और दिल्ली में अपनी मांगे रखना चाहते हैं. इन 33 किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा बनाया हैं, जो की 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय भी हैं.
किसान दिल्ली में जाकर अनिश्चित काल के लिए धरना देना चाहते हैं, यह धरना शांतिपूर्वक जरूर बताया जा रहा हैं. लेकिन इसकी रूप रेखा शाहीन बाग़ जैसी हो सकती हैं. ऐसे में शाहीन बाग़ मामले में दिल्ली में कैसे दंगे हुए और वहां की व्यवस्था किस प्रकार से खराब हुई यह सब जानते हैं.
इसी लिए दिल्ली सरकार इतनी भरी संख्या में भीड़ को राजधानी में नहीं आने देना चाहती. कांग्रेस नेता किसानों की अगवाई कर रहे हैं, किसानों में इन बिलों को लेकर भ्रम फैलाया गया है. जैसे की कांग्रेस नेताओं का कहना हैं की सरकार MSP ख़त्म कर देगी. जबकि सरकार का कहना है की MSP ख़त्म नहीं होगी. इसी तरह के भ्रमों के चलते किसान आज सड़कों पर उतर चुके हैं.